Rashiphal 2025: अपने प्रचलित नाम के प्रथम अक्षर से अपनी राशि ज्ञात करें तथा वर्ष 2025 का वार्षिक राशिफल पढ़ें। साल 2025 में आलौकिक एवं महादिव्य ‘कुंभ स्नान महापर्व’ प्रयागराज में होगा। सूर्य, चंद्र तथा देवगुरु बृहस्पति का योग ही कुंभ-स्नान पर्व बनाता है-माघ मास की अमावस को सूर्य-चंद्र मकर पर तथा गुरु वृष राशि में स्थित हो तो तीर्थराज प्रयाग में कुंभ-स्नान महापर्व का योग बनता है। इस वर्ष भी कुछ त्यौहारों पर असमंजस की स्थिति रहेगी।
शनि की साढ़ेसाती, ढैया व पाया आदि
शनिदेव जब गोचरवश वक्री अवस्था में संचार करेंगे अथवा जन्मराशि या नाम राशि से द्वादश, प्रथम अथवा द्वितीय स्थान में होंगे तो शनि की साढ़ेसाती कहलाती है। गोचरवश शनि जब चंद्रराशि (या नाम राशि अनुसार) से चतुर्थ व अष्टम स्थान पर संचारित होगा तब शनि की ‘ढैय्या’’ होगी, यह ठीक नहीं होती। शनि के चार पाद (पाया) हैं, स्वर्ण, रजत, ताम्र व लौह। प्रस्तुत वर्ष में शनि की साढ़ेसाती, ढैया व पाद (पाया) इस तरह से हैं- कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती अभी रहेगी, 2 वर्ष, 5 माह। मीन राशि पर भी शनि साढ़ेसाती 4 वर्ष, 7 माह लगभग रहेगी। मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती 7 वर्ष, 5 माह लगभग रहेगी।
शनि की ढैया
सिंह राशि पर धनु राशि वालों को शनि की ढैया ठीक नहीं रहेगी। शनि की ढैया में दौड़धूप, अनावश्यक व्यय, चिंता, रोग-शोक, कलह-क्लेश, कार्यों में बाधाएं व उलझने बनती हैं।
शनि पाया
मेष, सिंह तथा धनु राशि पर लोहे का पाया से मिश्रित फल रहेंगे, उलझनें, विघ्न-बाधा, संघर्ष, व्यय रहेंगे। मिथुन, कन्या तथा मकर राशियों पर शनि का ताम्र पाया होने से शुभ, उच्च विद्या, धन, विवाह, परमोशन, भूमि, वाहन सुख जनित लाभ रहेंगे। वृष, तुला, मीन राशि पर स्वर्णपाद (पाया) शनि का होने से मिश्रित फल, संघर्ष, आय कम, व्यय अधिक, कष्ट व तनाव रहेंगे। कर्क, वृश्चिक, कुंभ राशि पर शनि का रजत पाद (पाया) रहेगा। धन लाभ, स्त्री-संतान सुख, विदेश गमन, पारिवारिक सुख का मिश्रित फल रहेगा।
साल में कुल ग्रहण
साल भर में कुल चार ग्रहण पड़ेंगे, किन्तु इनमें तीन अदृश्य व एक ग्रहण दृश्य रहेगा। 1. खग्रास चंद्रग्रहण 14 मार्च, शुक्रवार (अदृश्य) 2. खण्डग्रास सूर्यग्रहण (29 मार्च, शनिवार) (अदृश्य), 3. खग्रास चंद्रग्रहण (7 सितंबर, रविवार)-दृश्य रहेगा, 4. खण्डग्रास सूर्य ग्रहण (21 सितंबर, रविवार)- अदृश्य रहेगा।
मेष : (चु-चे-चो-ला-ली-लू-ले-लो-अ)
द्वादश शनि होने के कारण व शनि की साढ़ेसाती का शुभ फल गौण रहेगा। व्यवसाय संबंधी विघ्न बाधाओं से सावधान रहें, बन्धु विरोध व तनाव के कारण मानसिक द्वंद रहेगा। पारिवारिक व व्यावसायिक जीवन में उतार-चढ़ाव रह सकता है। लोहा पाया शनि का होने के कारण शारीरिक कष्ट, अचानक व्यय वृद्धि संभव। पंूजी निवेश न करें। शत्रुओं से सावधान रहें। दाम्पत्य जीवन में मतभेद बन सकता है। माता-पिता के लिए ठीक, दौड़ धूप, कोर्ट-कचहरी से सावधान, 17 मई से राहु द्वादश रहने से धन व्यय, 27 अक्तूबर से 6 दिसंबर तक मंगल के कारण चोट भय, स्वास्थ्य विकार, मंगल-शनि का दान-उपाय करें। अनुकूल तारीखें 7-18-27, रंग-लाल, रत्न मूंगा अनुकूल देवता-शिवजी, भैरव-हनुमान।
वृष : (इ-उ-ए-ओ-वा-वी-वू-वे-वो)
एकादश भाव शनि होने से धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। घर/परिवार में सुख साधनों की वृद्धि रहेगी किन्तु राशि पर स्वर्ण पाया शनि का होने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण उतार-चढ़ाव रह सकता है। आर्थिक पोजीशन ठीक रहेगी। भूमि-वाहन खरीदने का योग बनेगा। पैतृक संपत्ति में विवाद बनेगा। भाग्य उत्तम, कारोबारी सफलता मिलेगी। किंचित दाम्पत्य जीवन में मतैक्य की कमी। 14 मई उपरांत शुभ व मिश्रित फल रहेंगे। 29 मार्च से वर्षांत तक शनि मित्र दृष्िट के कारण प्रतिष्ठित लोगों से मेलजोल व धार्मिक कार्यों में रुचि रहे। 14 सितंबर से 8 अक्तूबर खर्च व व्यय रहे। वर्ष में किसी से वाद-विवाद से बचें, दांत, त्वचा, बालों संबंधित रोग की आशंका रहेगी। गाय की सेवा-चारा खिलाएं व केला वृक्ष को जल चढ़ाते रहें। बृहस्पतिवार को केले बच्चों में बांटें। अनुकूल तारीखें-6-15-24, रंग सफेद, रत्न-हीरा, देवता श्री लक्ष्मी व शुक्र।
मिथुन : (का-की-घ-ङ-छ-के-कु-को-हा)
मनोवांछित योजनाओं में सफलता प्राप्त होगी। दशम शनि शुभ फली है। राशि पर शनि का ताम्र पाया होने से सुख-साधन एवं आय के स्रोतों में वृद्धि रहेगी। बिगड़े कामों में सुधार, शुभ कार्यों में रुचि तथा पदोन्नति के भी आसार बनेंगे। समाज में मान-प्रतिष्ठा बनेगी। अनावश्यक व्यय भी रहेगा, कारोबार-व्यवसाय ठीक रहेगा। किंचित गलतफलहमियों के कारण नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। 14 मई से 18 अक्तूबर तक गुरु का संचार करने से मानसिक तनाव व घरेलू उलझनें बढ़ सकती हैं। नवंबर उपरांत शत्रु नुकसान पहुंचा सकते हैं। अमावस को पीपल को जल चढ़ाकर तेल-दीया जलाएं, पेट का ध्यान रखना चाहिए। वर्ष में भूमि, मकान, वाहन आदि के क्रय-विक्रय का योग व लाभ रहेगा। अनुकूल तारीखें-5-14-23, रंग-हरा, रत्न-पन्ना-अनुकूल देवता गणेश।
कर्क : (हि-हु-हे-हो-डा-डी-डू-डे-डो)
शनि का रजत पाद (पाया) राशि पर होने से व शनि नवमस्थ होने से भाग्योन्नति में विघ्न एवं विलम्ब पैदा होंगे। साल में भागदौड़ व अधिक संघर्ष रहेगा। मानसिक तनाव व अनावश्यक परेशानियां, वृथा दौड़-धूप व गुप्त चिंताएं भी रहेंगी। वर्ष में कफ-वात-पित्त संबंधी कष्ट हो सकता है। 5 दिसंबर से गुरु पुन: 12वें संचार करने से संघर्ष अधिक रहेगा-किन्तु रुका हुआ धन प्राप्त होने के आसार रहेंगे-नूतन वाहन-भूमि संपत्ति खरीदने का प्लान बनेंगे-संतान-परिवार शुभ रहेगा। माता-पिता को कष्ट, पारिवारिक सहयोग रहेगा। बनते कार्यों में व्यवधान रहेगा। मानयश में बढ़ोतरी रहेगी। चोट भय से सावधान, अनुकूल तारीखें-2-11-20-29, रंग-सफेद, क्रीम, नग-सुच्चा मोती। चंद्रकांतमणि अनुकूल देवता-शिवजी, चंद्रमा।
सिंह : (मा-मी-मु-मे-मो-टा-टी-टू-टे)
राशि पर शनि की ढैया तथा लौह का पाया (पाद) होने से वर्षभर आय के सीमित साधन के बावजूद अनायास व्यय, अार्थिक परेशानियां, कलह-क्लेश तथा दौड़धूप रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें-बनते कार्यों में विलम्ब रहेगा। 18 मई से राशि पर केतु का संचार होने से मानसिक चिंता, चोट का भय रहे, शनि स्रोत का पाठ व रविवार को सूर्यार्घ तथा व्रत रखें-वाद-विवाद से बचें, वाहन चलाने में सावधानी रखें, मंगल को हनुमान को प्रसाद चढ़ाएं। अनुकूल तारीखें-1-10-19-28, रंग-चमकीला श्वेत, पीला, भगवा, रत्न-माणिक (रूबी), अनुकूल देवता-सूर्य।
कन्या : (टो-पा-पी-पू-ष-ण-ठ-पे-पो)
राशि पर शनि का सप्तम दृष्िट रहेगी तथा 18 मई तक केतु भी संचार करेगा। वर्ष के प्रथम भाग में संघर्षपूर्ण परिस्थिति रहेगी, व्यय अधिक रहेगा, तनाव व उलझनों का वर्ष में सामना करना पड़े, किन्तु शनि का पाया ताम्र होने के कारण वर्ष में कुछ कार्य हल होंगे। हड्डी, पेट व आंखों से संबंधित बीमारी से सतर्क रहें। भूमि-वाहन, संपत्ति खरीद से लाभ, व्यापार व कारोबार अच्छा रहेगा। वर्षारंभ में यात्रा का संयोग बनेगा। पार्टनरशिप के कार्य में मतभेद उभर सकता है। माता-पिता व परिवार से सुख सौहार्द रहे-वर्षारंभ में केतु के कारण चित्त उद्विग्न, बंधु विरोध, वातादि कष्ट का सामना करना पड़े-28 जुलाई बाद मंगल संचार के कारण परेशान करने वाली घटनाएं बनेंगी-गणेश चतुर्थी व शनि स्रोत पूजा पाठ व दानोपार्जन करें-अनुकूल तारीखें-5-14-23, रंग-हरा, रत्न पन्ना, अनुकूल देवता-गणेश।
तुला : (रा-री-रू-रे-रो-ता-ति-तु-ते)
षष्ठम- शनि सामान्यवत ठीक रहेगा-वर्ष में धनलाभ व पदोन्नति का योग भी बनता है किन्तु शनि का पाया स्वर्ण पर होने के कारण मिश्रित फल रहेंगे। घरेलू उलझनों में मानसिक अशांति व अपव्यय का योग भी है, कुछ विदेश यात्रा व सुख-साधनों में अल्प वृद्धि भी रहेगी-स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी रहेंगी-इष्ट-मित्रों का सहयोग मिलेगा-भूमि-वाहन-संपत्ति खरीदने की योजना बनेगी-घरेलू उलझनों व संतान से चिंता, प्रेम-प्रसंग में मूर्तरूपता, कोर्ट-कचहरी काम से बचें-14 मई बाद नौकरी में परेशानियां व शत्रु हानि पहुंचाएंगे-वर्षांत में बंधु-मित्र मिलाप रहे, किन्तु नवीन समस्याएं उत्पन्न होंगी। गाय व कुत्ते को भोजन दें तथा दुर्गा पाठ करें-अनुकूल तारीखें-6-15-24, रंग-सफेद, क्रीम, रत्न-हीरा, देवता-लक्ष्मी देवी/काली भैरवी।
वृश्चिक: (तो-ना-नी-नू-ने-नो-या-यी-यू)
शनि पूज्य रहेगा। वर्ष अधिकांश रूप से सकारात्मक रहेगा-कुछ रुके कार्यों में सफलता मिलेगी-शत्रुओं से सावधान रहें व स्वास्थ्य का ध्यान रखें-गला-कान-नाक संबंधी रोगों से कष्ट रह सकता है। संपत्ति खरीद-फरोख्त में लाभ रहेगा। नौकरी पेशाजन को पदोन्नति के अवसर मिलेंगे-प्रेम संबंध बनेंगे व पति-पत्नी के बीच सुखद माहौल रहे-प्रशासनिक कार्यों में आशानुकूल लाभ रहे-वर्षांत में अचानक यात्रा का योग, वाहन धीमे चलाएं, चोटमय की संभावना, किसी रिश्तेदार का स्वास्थ्य नरम-गरम रहे-कोर्ट-कचहरी कार्यों से बचें-2 अप्रैल बाद मंगल के कारण तनाव, दौड़धूप व व्यय रहे, शनि का दानोपार्जन व मंगल को व्रत रखें-महावीर का-अनुकूल तारीखें-9-18-27, रंग-लाल, रत्न-मूंगा, देवता-शिव, भैरव, हनुमान।
धनु : (ये-यो-भा-भी-भू-ध-फ-ढ-भे)
राशि पर शनि की ढैया का प्रभाव रहेगा। शनि का लौह-पाद (पाया) ठीक नहीं, वर्ष भर, वृघा कलह-क्लेश, व्यय व धन हानि का योग रहेगा। गुप्त चिंताएं बनेंगी, अकारण क्रोध का प्रभाव रहेगा, शारीरिक कष्ट तथा निकट संबंधियों से तनाव व अचानक खर्च का अंदेशा रहेगा। 14 मई बाद गुरु की सप्तम दृष्िट रहने से यदा-कदा पारिवारिक खुशी का वातावरण भी बनेगा व कोई रुका कार्य बनेगा। 18 अक्तूबर उपरांत अकस्मात धन प्राप्ति के योग हैं किन्तु शनि की ढैया का दानापार्जन करें।स्व्ाास्थ्य संबंधी परेशानियां आ सकती हैं, संपत्ति खरीद-फरोख्त संबंधी कार्यों में सावधानी रखें। जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लें, वर्ष में अनावश्यक खर्च बढ़ने से क्रोध की अधिकता रहेगी। वाहन धैर्यपूर्वक चलाएं, संतान से खुशी मिलेगी। वाद-विवाद से बचें, राजकीय कोट-कचहरी कार्य में लाभ, कंठ-कफ विकार, गिरने-फिसलने से कष्ट-अनुकूल तारीखें-3-12-21-30, रंग-पीला, रत्न-पुखराज, देवता-विष्णु, गुरु ।
मकर : (भो-जा-जी-खी-खू-खे-खो-गा-गी)
राशि पर शनि का ताम्र का पाया है अत: वर्षभर मिश्रित फल रहेंगे। धनलाभ व सुख-साधनों में विस्तार रहे-मांगलिक कार्य होगा-कार्य व्यवसाय में लाभ व पदोन्नति का अवसर प्राप्त होगा। वर्ष में मानसिक तनाव रहे-लेन-देन में सावधानी रखें-माता-पिता व संतान की स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां रहेंगी-यात्रा का प्लान बने। 14 मई तक बृहस्पति की नीच दृष्िट के कारण संघर्ष-पूर्ण स्िथति रहेगी, 13 अप्रैल से सूर्य चतुर्थ के फलस्वरूप धन लाभ किन्तु 14 जून उपरान्त भाई-बंधु विरोध होना संभव है, व्यर्थ की भागदौड़ रहे-20 अगस्त उपरान्त शुक्र के कारण बनते कार्यों में अड़चनें आ सकती हैं। केतु अष्टम होने से दुर्घटना भय, वर्षांत में रक्तजनित कष्ट, प्रेम संबंधों में बिगाड़, बजरंग बाण का पाठ करें व शिव पूजा शुभ रहे, अनुकूल तारीख-8-17-26, रंग-काला-नीला-रत्न-नीलम, देवता-शनि,
भैरव, काली।
कुंभ : (गू-गे-गो-सा-सी-सू-से-सो-दा)
राशि पर शनि की साढ़ेसाती उतरती हुई अवस्था में अंतिम चरण में रहेगी। वर्षारम्भ से ही आर्थिक व पारिवारिक समस्याएं व संघर्षपूर्ण हालात रहेंगे। शनि का पाद (पाया) रजत होने के कारण कुछ कठिन व रुके कार्यों में सुधार रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें व शनि/महावीर की उपासना लाभदायक रहेगी, वर्ष मध्य में तनाव, मानसिक चिंतन व किसी से मतभेद व वाद-विवाद की स्िथति बनेगी, पारिवारिक वाद-विवाद से बचें, 2 अप्रैल बाद मंगल की शत्रु दृष्िट के फलस्वरूप कार्य विलंब, दौड़धूप, कार्य-व्यवसाय में परेशािनयां, 18 मई बाद राहु के कारण, कार्य-व्यवसाय में उतार-चढ़ाव, स्वास्थ्य में सुधार, गुरु की शुभ दृष्िट के कारण बिगड़े कार्य बनेंगे। वर्षांत में सूर्य-शनि के कारण चोटमय, उलझनें व स्व्ाास्थ्य नरम, शनि का दान व रुद्राभिषेक करवाएं-अनुकूल तारीख 8-17-26, रंग-नीला, काला-आसमानी, रतन-नीलम, अनुकूल देव-शनि, भैरव, काली।
मीन : (दी-दू-घ-झ-ञ-दे-दो-चा-ची)
शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। शनि का पाया (पाद) स्वर्ण पर होने से घरेलृू व आर्थिक उलझनों का सामना रहेगा। धन व्यय रहेगा। 18 मई तक राहु के कारण गुस्सा, तनाव व पेटादि विकार संभव, पारिवारिक तनाव रहेगा। किन्तु 6 जून उपरांत मंगल की दृष्िट के कारण भूमि-संपत्ति व संतान सुख में वृद्धि रहे-धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़े। शनि के कारण वर्षांत में बने-बनाये कार्यों में बिगाड़ रहे-मानसिक तनाव रहे, कोर्ट-कचहरी के कारण परेशानियां बढ़ेंगी। स्व्ाास्थ्य संबंधी कष्ट-विकार से सावधान रहें। किसी से लेन-देन नहीं करें। अपने भी परायों सा व्यवहार करेंगे-भूमि वाहन की खरीद-फरोख्त नहीं करें। स्थानांतरण का योग-वर्षांत तक, संतान-परिवार से वाद-विवाद हो, पेट की संभाल रखें-गिरने-फिसलने का भय, शत्रु सिर उठाएंगे, कारोबारी व्यस्तताएं रहें, पर लाभ कम-दुर्गा पाठ व नवग्रह- शनि यज्ञ करें-अनुकूल तारीख-3-12-21-30, रंग-पीला, दिन वीरवार, रत्न-पुखराज, देवता-विष्णु-लक्ष्मी।
प्रयाग कुंभ
पुण्य स्नान तिथियां
10 जनवरी (शुक्रवार), 13 जनवरी (सोमवार), 14 जनवरी (मंगलवार), 25 जनवरी (शनिवार), 27 जनवरी (सोमवार), 29 जनवरी (बुधवार), 2 फरवरी (रविवार), 4 फरवरी (मंगलवार), 5 फरवरी (बुधवार), 8 फरवरी (शनिवार), 10 फरवरी (सोमवार), 12 फरवरी (बुधवार), 24 फरवरी (सोमवार), 26 फरवरी (बुधवार), जो जनमानस प्रयागराज तीर्थ पर स्नान करने न जा सकें तो वह अपने गृहनगर में उपरोक्त तिथिनुसार अपने स्नान-पात्र में विष्णु, सूर्य वरुणादि देवों का मंत्र स्मरण करके स्नान कर सकते हैं।
प्रस्तुति-सत्यव्रत बेंजवाल