जीएम बीज पर कृषि मंत्री के बयान का स्वागत
फतेहाबाद, 1 जनवरी (हप्र)
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जीएम (जेनेटिक मॉडिफाइड) बीज के इस्तेमाल को लेकर अभी कोई निर्णय न लेने के फैसले का भारतीय किसान संघ ने स्वागत किया है। उन्होंने किसान हितों को लेकर कृषि मंत्री द्वारा दिए गए बयान का स्वागत किया और इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है। बता दें कि जीएम बीज के इस्तेमाल का भारतीय किसान संघ ने पुरजोर विरोध किया था। केन्द्रीय कृषि मंत्री का कहना है कि जीएम बीज को लेकर किसानों के साथ-साथ वैज्ञानिकों के मन में भी कई आशंकाएं हैं। इससे हम कम्पनियों पर निर्भर हो जाते हैं। कृषि वैज्ञानिक मानते हैं कि जीएम बीज के इस्तेमाल के कई दुष्परिणाम हैं। किसानों और कृषि वैज्ञानिकों की आशंकाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने जीएम सीड की तरफ न जाने का फैसला किया है, जब तक सारी आशंकाओं का समाधान नहीं हो जाता, तब तक इस दिशा में आगे नहीं कदम नहीं उठाया जाएगा।
भारतीय किसान संघ की बुधवार को हुई बैठक में जिला प्रधान रोहताश पंघाल ने केन्द्र सरकार व केन्द्रीय कृषि मंत्री का आभार जताते हुए कहा कि देश में जीएम फसल के रूप में बीटी कपास को वर्ष 2002 में किसानों के बीच पिछले दरवाजे से लाया गया था। कपास में बैक्टीरिया से दो अलग जीन को डालकर बारी-बारी से अधिक जहरीला कपास बनाया गया और बताया गया था कि यह कपास में लगने वाले कीट को रोकेगा जबकि यह दावा झूठा साबित हुआ।
अब कई फसलों में जीव-जंतुओं के जीन को डालकर नए जीव की तैयारी का खेल चल रहा था।