कृषि मंत्री राणा बोले - हमारी इच्छा नहीं होती किसी अधिकारी को सस्पेंड करें
यमुनानगर, 23 अक्तूबर (हप्र)
अधिकारियों की बैठक लेने पहुंचे हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा का कहना है 'हमारी इच्छा अधिकारियों को सस्पेंड करने की नहीं होती। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट सख्त है, सरकार सख्त है इसलिए एक्शन लेना पड़ता है।' यमुनानगर में मीडिया से बातचीत करते हुए कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि हमने ब्लॉक एग्रीकल्चर ऑफिसर को कहा है, वह भी किसानों को समझते हैं, किसान तो बेचारा है। उन्होंने कहा कि गलतफहमी में ऐसा काम कर लेता है कि वह एफआईआर के दायरे में आ जाता है जिसकी वजह से अधिकारी भी उसकी चपेट में आ रहे हैं।
हरियाणा में अभी तक 24 अधिकारियों को सस्पेंड किया जा चुका है और 3000 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुके हैं। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा का कहना है कि हरियाणा में 6000 गांव है। इस तरह औसतन दो गांव पर एक एफआईआर दर्ज हो चुकी है। उन्होंने कहा कि वह खुद किसान है और किसानों से अपील करते हैं कि वह पराली को न जलाएं, क्योंकि यह किसानों के और खेतों के फायदेमंद है। खेत में पराली जलाने से मिट्टी और खेत की गुणवत्ता कम होती है।
उन्होंने दिल्ली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वहां 28 गंदे नाले हैं, जो यमुना में गिरते हैं। यमुना को प्रदूषित करते हैं। वहां लगातार कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहे हैं, वह भी प्रदूषण के कारक हैं। एक छोटे से किसान पर इस तरह से आरोप लगाना ठीक नहीं, हम उनके चालान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाचारी और बेबसी में इन सुप्रीम कोर्ट और सरकार के आदेशों की पालना की जा रही है।
कृषि मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने रादौर विधानसभा क्षेत्र में 2014 में 1650 करोड़ के विकास कार्य करवाएं। जिसके हिसाब से प्रतिदिन 90 लाख रुपये खर्च होने माने जाते हैं और भूपेंद्र सिंह हुड्डा हमसे जवाब मांगते हैं, जिन्होंने 5 सालों में मात्र एक करोड़ रुपए की राशि रादौर विधानसभा क्षेत्र में खर्च की है। कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह विकास कार्यों में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी नेता और मंत्री एक टीम वर्क होता है, सबको मिलकर विकास कार्यों में भाग लेना चाहिए।
जांच के बाद डीसी का स्टेनो निलंबित
फतेहाबाद (हप्र) : फतेहाबाद जिला उपायुक्त के स्टेनो ऋषिकेश को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के बाद उनका मुख्यालय जींद कर दिया गया है। इस कार्रवाई के पीछे का कारण चुनाव प्रक्रिया के दौरान हुई शिकायत बताया गया है। पता चला है कि किसी व्यक्ति ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत की थी कि उक्त स्टेनोग्राफर ऋषिकेश अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके कर्मचारियों के तबादले व पोस्टिंग करवा रहा है। प्रदेश चुनाव कार्यालय ने इस मामले की जांच हिसार मंडल के आयुक्त को सौंपी थी। हिसार मंडल आयुक्त ने अपनी जांच में आरोपों को सही पाए जाने पर ऋषिकेश को निलंबित कर दिया।