मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद आढ़तियों की हड़ताल वापस
चंडीगढ़, 7 अक्तूबर (हप्र)
धान की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने के लिये मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज विचार-विमर्श के लिए आढ़तियों को बुलाया, जिस दौरान आढ़तियों ने अपनी हड़ताल वापस लेने का फैसला किया। मुख्यमंत्री ने फेडरेशन ऑफ आढ़तिया एसोसिएशन ऑफ पंजाब के अध्यक्ष विजय कालड़ा के नेतृत्व में आढ़तियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि आढ़तियों की जायज मांगों पर सहानुभूति से विचार करने के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि आढ़तियों की अधिकांश मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं, जो इन मांगो के प्रति उदासीन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आढ़तियों की आवाज बनेगी और उनके मुद्दे मजबूती से केंद्र के सामने रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि आढ़त बढ़ाने का मामला केंद्र सरकार के पास उठाया जाएगा क्योंकि इससे आढ़तियों को 192 करोड़ रुपए का बड़ा नुकसान हो रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जनवरी 2025 तक आढ़तियों के नुकसान की पूर्ति के लिए पूरी कोशिश की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने कोई अनुचित कदम उठाया, तो आढ़तियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार इस मामले में अदालत का दरवाज़ा खटखटाने से भी नहीं हिचकिचाएगी। उन्होंने कहा कि हर 50 दिनों के बाद आढ़तियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी ताकि उनके मुद्दों का समाधान किया जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह केंद्र सरकार के समक्ष आढ़तियों के ई.पी.एफ. के लंबित 50 करोड़ रुपए की भुगतान का मुद्दा भी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि आढ़ती किसान के बिना वेतन वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट (सी.ए.) के समान होते हैं, जिनके पास किसानों की फसल से लेकर उनके वित्तीय लेनदेन का सारा लेखा-जोखा होता है।