मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद पटरी पर लौटी मंडियों की व्यवस्था
जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 12 अक्तूबर
मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन के बाद अम्बाला शहर के अधिकांश मिलरों ने जहां वर्तमान धान सीजन में मिलिंग के लिए सरकार से पंजीकरण करवाकर अनुबंध साइन कर दिए हैं, वहीं जिला की मंडियों से उठान व्यवस्था थोड़ा पटरी पर लौटने लगी है। हालांकि अभी तक मंडियों में आवक की तुलना में काफी कम धान का ही उठान हो पाया है। जिले की मंडियों में गत वर्ष की तुलना में धान की आवक में करीब 90 हजार मीट्रिक टन कम हो पायी है लेकिन कुल आवक 294248 क्विंटल में से मात्र 1.23 लाख क्विंटल ही धान खरीद की गई है। इसके बावजूद मात्र एक तिहाई धान का उठान हो पाया, जबकि खरीद की जा चुकी तीन चौथाई धान मंडियों में उठान का इंतजार कर रहा है। मालूम हो कि सीजन के शुरूआत से ही मिलरों व सरकार के बीच टकराव के चलते इस बार मिलिंग के लिए कोई एग्रीमेंट या पंजीकरण नहीं हो पाया जिससे मिलर मंडियों से धान नहीं उठा रहे थे। परिणामस्वरूप धान के अंबार मंडियों को भरने में लगे हैं। लेकिन दो दिन पहले ही कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद मिलरों ने काम करना प्रारंभ कर दिया और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर डाली। साफ मौसम के चलते अधिकतर किसान धान की कटाई करवाकर उसको मंडी में ला रहे हैं लेकिन मंडियों में पहले से ही आयी धान की बोरियों अथवा फड़ों पर सुखाए जा रहे धान के कारण आगे धान डालने में दिक्कतें आने लगी हैं। खरीद एजेंसियां निर्धारित नमी वाला धान खरीद रही हैं जिससे आवक और खरीद का अंतर बढ़ता जा रहा है। उपज मंडी में लाने वाले किसान उसे सूखने के लिए फड़ पर डालने का मजूबर हैं। आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान दूनी चंद दानी पुर और मार्केट कमेटी के पूर्व उप चेयरमैन भारत भूषण अग्रवाल की माने तो लिफ्टिंग सही नहीं होने और आवक में तेजी होने से मंडी में धान रखने की जगह नहीं बच पाएगी।
-संजीव गर्ग, मिलर एवं शैलर एसोसिएशन के प्रधान
-अपार तिवारी, डीएफएससी अम्बाला