स्पेन के इनकार के बाद, मोंटेनेग्रो बंदरगाह पर रुकेगा भारतीय जहाज
नयी दिल्ली, 24 मई (ट्रिन्यू)
स्पेन ने जिस जहाज को अपने यहां उतरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, वह अब एड्रियाटिक सागर के तट पर एक देश मोंटेनेग्रो में बंदरगाह पर उतरने वाला है। स्पेन ने यह कहते हुए अनुमति नहीं दी थी कि इसमें इस्राइल के लिए 27 टन विस्फोटक ले जाया जा रहा था।
सूत्रों ने बताया कि जहाज रास्ते में है और इसका आखिरी पड़ाव अफ्रीका के पश्चिमी तट पर स्थित छोटे से द्वीप राष्ट्र केप वर्डे में है। समझा जाता है कि भारतीय निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ-साथ सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के संयुक्त-उत्पादन और सह-उत्पादन के लिए इस्राइल के साथ गहरे संबंध हैं। जहाज पर मौजूद विस्फोटक किसी भारतीय कंपनी के हो सकते हैं। इस्राइल में व्यापार किए जा रहे इन विस्फोटकों में से कुछ दोहरे उपयोग के उद्देश्य से हो सकते हैं।
अडाणी समूह का इस्राइल के एल्बिट के साथ गठजोड़ का मतलब है कि ‘हर्मीस’ ड्रोन भारत में अडाणी डिफेंस के स्वामित्व वाले संयंत्रों में उत्पादित किया जाता है और इस्राइल को निर्यात किया जाता है। पुणे मुख्यालय वाली म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल), जो रक्षा मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, को इस साल जनवरी में अपने उत्पादों को इस्राइल भेजने की अनुमति दी गई थी। यह कंपनी छोटे, मध्यम और उच्च क्षमता वाले गोला-बारूद, मोर्टार, रॉकेट, हैंड ग्रेनेड बनाती है।
एक निजी भारतीय कंपनी, प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (पीईएल) इस्राइल को विस्फोटक और संबद्ध सामान का निर्यात कर रही है। पिछले महीने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बराक के निर्माता इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने नयी दिल्ली में अपनी भारतीय सहायक कंपनी की घोषणा की। पिछले हफ्ते स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस ने घोषणा की थी कि जहाज को अनुमति देने से इनकार कर दिया
गया है।