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14 साल बाद जुआं के बीपीएल पात्रों को मिले प्लॉट, आज मिलेगा कब्जा

07:42 AM Jun 08, 2024 IST
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सोनीपत, 7 जून (हप्र)
गांव जुआं के ग्रामीणों का 14 साल तक किया गया संघर्ष रंग लाया है। गांव के पात्रों को 100-100 गज के प्लॉटों का आवंटन कर दिया गया है। महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत 361 परिवारों के लिए प्लॉटों का ड्रा निकाला गया। योजना के तहत वर्ष 2011 में प्लॉटों की रजिस्ट्री करा दी थी, लेकिन कब्जा न मिलने के कारण पात्र ग्रामीण आंदोलन कर रहे थे। आचार संहिता हटने के बाद शुक्रवार को प्लॉटों का आवंटन किया गया। शनिवार को प्रशासन की ओर से प्लॉटों पर कब्जा दिलाया जाएगा और 10 जून को सोनीपत आगमन पर मुख्यमंत्री पात्र परिवारों को आवंटन पत्र सौंपेंगे। चुनाव आचार संहिता हटने के बाद शुक्रवार को गोहाना रोड स्थित खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय में एसडीएम अमित कुमार की अध्यक्षता में प्लॉटों का आवंटन ड्रा से किया। इस दौरान उनके साथ जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी जितेंद्र कुमार, तहसीलदार जिवेंद्र मलिक भी मौजूद रहे। गांव जुआं के बीपीएल परिवारों को 361 प्लॉटों को उनका हक दिया गया। शनिवार को प्रशासन की ओर से पात्र लोगों को प्लॉटों पर कब्जा दिलाया जाएगा। 10 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी पात्र परिवारों को आवंटन पत्र सौंपेंगे। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष जसबीर दोदवा, जिला पार्षद संजय बड़वासनी, भोला, मामन, संदीप, प्रदीप, राजेश, दयानंद, रामचंद्र, महावीर, तेजपाल समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
14 साल तक किया आंदोलन
जुआं गांव के ग्रामीण 100-100 गज के प्लॉटों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे थे। महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत बीपीएल परिवारों को प्लॉट मिले थे। वर्ष 2011 में प्लॉटों की रजिस्ट्री की गई थी, लेकिन अभी तक कब्जा कार्रवाई नहीं हुई थी। ऐसे में ग्रामीणों ने प्लॉटों की मांग के लिए 14 साल तक कई बार आंदोलन किये। कभी लंबे समय तक धरना दिया गया तो कभी शहर में जुलूस निकाला गया। करीब डेढ़ साल पहले प्रशासन की ओर से प्लॉटों पर कब्जा दिलवाने की पहल की गई थी, लेकिन गलत नक्शे के विवाद में उलझकर वह काम भी बीच में रोक दिया गया था। जिसके बाद से ग्रामीण लगातार प्लॉटों पर कब्जा दिलवाने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों ने जिला पार्षद संजय बड़वासनी के नेतृत्व में अंतिम बार 16 नवंबर 2023 से लघु सचिवालय में धरना शुरू किया था। उपायुक्त से आश्वासन मिलने पर 96 दिन बाद गामीणों ने धरना समाप्त किया था।

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