ताऊ की पार्टी इनेलो का दामन थाम सकते हैं आदित्य चौटाला
इकबाल सिंह शांत/निस
डबवाली, 6 सितंबर
टिकट कटने पर चेयरमैन पद छोड़ने के बाद ताऊ देवीलाल के पौत्र आदित्य चौटाला किसी ओर राह पर चल पड़े है। उनके प्रचार माध्यमों से भाजपा का चुनाव निशान ‘कमल’ लुप्त हो गया है। उनके सोशल मीडिया हैंडल से यह बदलाव महसूस किया जा सकता है। उन्होंने अगला राजनीतिक निर्णय लेने के लिए अपने समर्थकों का लोकशुमारी सम्मेलन 8 सितंबर को गांव चौटाला में बुलाया है। वे डबवाली हलके के गांवों में अपने समर्थकों से बैठकें कर उन्हें अपने साथ चलने का आह्वान कर रहे हैं। हालांकि उनका भाजपा से नाता तोड़ने का अंतिम धागा अभी अधर में लटक रहा है।
सूत्रों के मुताबिक बृहस्पतिवार को आदित्य चौटाला की पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला से मुलाकात हो चुकी है। चर्चा है कि आदित्य चौटाला अपने ताऊ व पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो का दामन थाम सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें 8 सितंबर को आदित्य चौटाला के ‘लोकशुमारी सम्मेलन’ में जुटने वाली भीड़ पर टिकी हुई हैं। यदि सम्मेलन में आदित्य अच्छी-खासी भीड़ जुटाने में सफल होते हैं तो हलके के चुनाव परिदृश्य को प्रभावित करने में उनकी भूमिका काफी अहम रहेगी। बताया जाता है कि पिछले दस वर्षों में आदित्य चौटाला व उनके दो भाइयों ने डबवाली के ग्रामीण क्षेत्र में राजनीतिक मशक्कत करके लोगों को अपने साथ जोड़ा है।
उल्लेखनीय है कि 2016 के जिला परिषद चुनाव में उन्होंने अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला को हराकर अपना लोहा मनवाया था। इसी बीच इनेलो को पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के चुनाव लड़ने की मंजूरी हेतु दायर अर्जी पर अदालती निर्णय का इंतजार है। जानकारी के मुताबिक शनिवार को अर्जी पर निर्णय आने की संभावना है। ओम प्रकाश चौटाला ने पार्टी के डबवाली हलके के जोन इंचार्जों से बैठक करके उन्हें दिशा-निर्देश दिए।
डबवाली हलके में होगी तीन ध्रुवीय चौटाला राजनीति!
चर्चा है कि यदि 8 सितंबर को सम्मेलन के दौरान आदित्य चौटाला के प्रति लोकशुमारी का झुकाव ‘चश्मे’ की ओर जाता है तो इससे दोनों पक्षों को चौटाला परिवार के वोट बैंक के कटाव की समस्या से राहत व बल मिलेगा। मौजूदा समय में डबवाली हलके में चौटाला परिवार की राजनीति इनेलो, जजपा, भाजपा व कांग्रेसी खेमों में बंटी हुई है। आदित्य के इनेलो का चश्मा पहनने की सूरत में चौटाला ब्रांड राजनीति के चार से तीन ध्रुवीय हो कर मजबूती की रह पकडेगी।