पराली जलने पर निगरानी के लिए तैनात अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
चंडीगढ़, 20 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल जहां धान के अवशेष जलाने की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है वहीं अब धान के अवशेषों में आग लगाने वाले किसानों के साथ निगरानी के लिए तैनात किए नोडल अफसरों को सस्पेंड किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में पेश होने से पहले हरियाणा के मुख्य सचिव मजबूत दलीलें तैयार करने में जुटे हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने 23 अक्तूबर को हरियाणा के मुख्य सचिव को तलब किया है। बहरहाल, सरकार ने रेड जोन के जिलों को चिन्हित करने की कवायद शुरू कर है। यही नहीं धान के अवशेषों में आग लगाने के मामले में किसानों से ज्यादा कसूरवार निगरानी के लिए तैनात किए नोडल अफसर हैं। फानों में आग न लगाने की सूचना देने वाले नोडल अफसरों पर अब गाज गिरनी शुरू होगी। सरकार ने नोडल अफसरों को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की अध्यक्षता में प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें जिला उपायुक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े। मुख्य सचिव ने जिलावार धान के अवशेषों में आग लगाने के मामलों की समीक्षा की। जीटी बेल्ट पर कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला और कैथल की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं मिली। मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्तों को कड़ी हिदायत दी कि धान के फानों में आग लगाने के लिए निगरानी को तैनात किए गए नोडल अफसरों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्तों को फटकार लगाते हुए हिदायत दी कि सभी नोडल अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें जवाब मांगा जाए। मुख्य सचिव की फटकार के बाद जिला उपायुक्तों ने धान के अवशेष जलाने पर रोक लगाने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। जिला उपायुक्तों की ओर से जिला कृषि अधिकारियों को जिले में रेड, येलो और ग्रीन जोन के गांवों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही उन गांवों के सरपंचों व नंरबदारों के साथ समन्वय बनाकर निगरानी को कहा गया है।