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विश्वास मत प्रस्ताव पर सदन में पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप

10:35 AM Mar 14, 2024 IST
चंडीगढ़ में बुधवार को हरियाणा विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए आयोजित विशेष सत्र के दौरान चर्चा करते पक्ष-विपक्ष के विधायक। -रवि कुमार

चंडीगढ़, 13 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा के नये मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा बुधवार को विधानसभा में पेश किए गए बहुमत प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का लंबा दौर चला। एक-दूसरे पर गंभीर आरोप भी लगाए गये। कई बार तीखी नोक-झोक भी हुई। कई ऐसे शब्दों का इस्तेमाल सदन में हुआ, जिन्हें बाद में कार्यवाही से निकालना पड़ा। विपक्षी दल कांग्रेस नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार के पहले सत्र में हावी होने की कोशिश करता नज़र आया।
विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा ने सरकार को घेरते हुए अचानक विधानसभा का सत्र बुलाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 2019 में भी भाजपा अल्पमत में थी और अब भी बहुमत में नहीं है। उस समय भाजपा के 40 विधायक थे और जजपा के साथ मिलकर सरकार का गठन किया। भाजपा ने 75 पार कहा तो जजपा ने कहा, भाजपा जमुना पार और फिर दोनों मिलकर स्वार्थ के लिए यार बन गए।
यह गठबंधन जनहित में नहीं बल्कि स्वार्थों के तहत हुआ। हरियाणा बेरोजगारी, महंगाई और भ्र्रष्टाचार में नंबर-वन पर पहुंच गया। भाजपा सरकार की विफलता को देखते हुए ही मुख्यमंत्री को बदलना पड़ा। उन्होंने कहा कि भाजपा व जजपा अब भी मिलकर लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही हैं। जजपा की ओर से जारी की गई व्हिप पर आपत्ति जताते हुए हुड्डा ने कहा, ऐसा पहली बार हुआ है जब विश्वास प्रस्ताव के दिन विधायकों को अनुपस्थित रहने को कहा गया है।
अब लोग इनके झांसे में नहीं आएंगे। उन्होंने कहा, प्रदेश के लोगों को भी पता था कि एक दिन ये ऐसे ही करेंगे। गठबंधन तोड़ना केवल दिखाने भर को है। गठबंधन टूटने और नये मुख्यमंत्री बनने पर कटाक्ष करते हुए हुड्डा ने कहा – नाटक वही रहेगा, सिर्फ किरदार बदलेंगे, तुम सीएम बदले रहना, एक दिन हम पूरी सरकार बदलेंगे। पूर्व सीएम ने गठबंधन के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का मामला भी उठाया। अनिल विज को इसका चेयरमैन बनाया गया था। थोड़ी देर में विज भी पहुंच गए तो हुड्डा ने उनसे ही पूछ लिया। इस पर विज ने कहा – उस पर तो भोग पड़ा गया। नये सीएम को सलाह देते हुए हुड्डा ने कहा, उनके (मनोहर लाल) के कदमों पर मत चलना। उन्होंने तो प्रदेश को साढ़े चार लाख करोड़ का कर्जदार बना दिया। कोई नया इंस्टीट्यूट नहीं आया। कोई नई रेलवे लाइन, नया थर्मल पावर प्लांट मिला और न ही कोई बड़ा प्रोजेक्ट आया, फिर भी कर्ज बढ़ गया। सैनी को नाइट वाचमैन और टाइम गेप अरेंजमेंट बताते हुए कहा कि सरकार तुरंत भंग करके विधानसभा चुनाव करवाए जाने चाहिएं। साथ ही, उन्होंने विश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान की मांग उठाई। इस पर स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि गुप्त मतदान के नियम ही नहीं हैं। हुड्डा ने कहा, जजपा ने व्हिप जारी कर दी। इससे स्पष्ट है कि जजपा आज भी भाजपा के साथ है। विधायकों पर इस तरह अंकुश नहीं लगाया जा सकता।

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आपकी समझ में नहीं आएगा यह त्याग : गुर्जर

कैबिनेट मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने मुख्यमंत्री बदलने, कांग्रेस द्वारा विश्वास मत का विरोध करने और हॉर्स राइडिंग के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, ये त्याग आप लोगों की समझ में नहीं आएगा। यह केवल भाजपा में ही हो सकता है। पूर्व में सरकारें आने पर प्रदेश के संसाधनों पर उसका अधिकार समझा जाता था। हमें भी यही लगता था, लेकिन मनोहर लाल ने आते ही बदलाव किया। शुरू में हमें भी लगता था कि यह नहीं हो पाएगा, लेकिन आज हरियाणा एक-हरियाणवी एक चरितार्थ हुआ है। उन्होंने लोगों के मन में यह बात बैठा दी है कि कोई पक्षपात नहीं होगा। विपक्ष के विधायकों से भी पूछ-पूछ कर उनके हलकों में विकास कार्य किए। कांग्रेस को चुनौती देते हुए गुर्जर ने कहा, पूर्व में किसी भी सरकार के समय ऐसा हुआ क्या।

खट्टर साहब से हमें सहानुभूति है : कादियान

सदन में अपनी बात रखते कांग्रेस विधायक रघुबीर सिंह कादियान। -ट्रिब्यून फोटो

बेरी विधायक डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान ने प्रस्ताव का विरोध करते जजपा की गैर-मौजूदगी पर चुटकी लेते हुए कहा, आपके बेली (सहयोगी) कहां हैं। उन्होंने कहा, 11 को गुरुग्राम में पीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ी तारीख की। फिर एक दिन बाद ही ऐसा क्या हो गया कि मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। कादियान ने कहा, खट्टर साहब के साथ हमारी सहानुभूति है। उन्होंने यह भी कहा कि इतने बड़े भ्रष्ट सिस्टम में वे (मनोहर लाल) ईमानदारी से खड़े रहे। उन्होंने पूर्व सीएम को शरीफ भी बताया। विश्वास प्रस्ताव का विरोध करते हुए एनआईटी विधायक नीरज शर्मा ने निर्दलीयों को प्रलोभन के आरोप लगाए। कइयों के नाम लेकर कहा कि उन्हें जरूर मंत्री बनाएं। वहीं डॉ. कादियान ने सरकार गठन के लिए हॉर्स राइडिंग के आरोप लगाए। निर्दलीयों को प्रलोभन देने के आरोप लगाए तो पृथला विधायक नयनपाल सिंह रावत ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, 2009 में हुड्डा सरकार ने हजकां के पांच विधायकों को तोड़कर सरकार बनाई थी। निर्दलीय विधायक किसी के दबाव में नहीं हैं। अपनी स्वेच्छा से सरकार को समर्थन दिया है। कादियान ने कहा, मुझे सूचना मिली है कि पांच विधायक विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट देंगे। बशर्ते गुप्त मतदान करवाया जाए। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की।

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खुद की पार्टी पर ही कंट्रोल नहीं : दलाल

कैबिनेट मंत्री जयप्रकाश दलाल ने मनोहर लाल के नेतृत्व की तारीख करते हुए उनके द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया। किरण चौधरी की विधानसभा में गैर-मौजूदगी पर कटाक्ष करते हुए दलाल ने कहा, कांग्रेस का अपनी पार्टी के लोगों पर ही कंट्रोल नहीं है। भाजपा ने गरीब किसान परिवार के नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया है। वहीं कांग्रेस में परिवार की ही भक्ति करते हैं। कांग्रेसियों को यह रास नहीं आ रहा कि भाजपा ने किस तरह से सामान्य परिवार के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दिया।

यूं ही कोई बेवफा नहीं होता : दान सिंह

महेंद्रगढ़ विधायक राव दान सिंह ने कहा कि रातों रात मुख्यमंत्री को बदल दिया गया। एक ओर प्रधानमंत्री तारीफ करते हैं और फिर सीएम को बदल दिया जाता है। कुछ तो कमियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता। सरकार से लोगों का भरोसा उठ चुका है। भाजपा इससे पहले भी चार प्रदेशों में इसी तरह का प्रयोग कर चुकी है। गठबंधन सरकार तोड़ना रणनीति का हिस्सा है। चुनाव के पास दोनों फिर से एक हो सकते हैं।

कांग्रेसी चुनाव लड़ने से भाग रहे : रणजीत

कैबिनेट मंत्री चौ. रणजीत सिंह ने प्रस्ताव का समर्थन भी किया और मनोहर लाल के कार्यकाल को भी अद्भुत बताया। कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी का नाम लेते हुए कहा कि कांग्रेस के लोग तो चुनाव लड़ने से ही भाग रहे हैं। इस पर हुड्डा सहित कांग्रेस विधायकों ने विरोध किया तो रणजीत ने कहा, वो मेरे भी नेता रहे हैं और मैं भी उनकी पार्टी में रहा हूं, लेकिन आज सच्चाई यही है कि कांग्रेस धीरे-धीरे करके सभी राज्यों से खत्म होती जा रही है।

कपूत हूं, सपूत हूं, जैसा भी हूं थारा हूं : ढांडा

विधानसभा में पूर्व स्पीकर डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान और पानीपत ग्रामीण से भाजपा विधायक महिपाल सिंह ढांडा के बीच भी खूब तानेबाजी चली। ढांडा ने मनोहर सरकार की उपलब्धियों का बखान किया और कांग्रेस को घेरा। दोनों में विवाद के बीच कादियान ने कहा, ढांडा की मां कादियान है। समाज के हिसाब से यह हमारा भांजा लगा। फिर चुटकी लेते हुए कहा – एक दिन इसकी मां ने मुझे बचपन की बात बताई और कहा कि मुर्गा जब बोलता है तो यह (ढांडा) फड़क उठता है। इस पर ढांडा ने कहा, मामा घर की सारी बात सदन में नहीं बोलते। फिर कादियान बोले, तेरे जैसा कपूत हो गया तो सूपत ना ही हो। ढांडा कहां रुकने वाले थे। कहा – कपूत कहो या सपूत, जैसा हूं थारा हूं।

कांटो भरा है  ताज : भुक्कल

पूर्व शिक्षा मंत्री व झज्जर विधायक गीता भुक्कल ने कहा, बजट सत्र में जब हम अविश्वास प्रस्ताव लाए तो हमारा मजाक उड़ाया गया, आज सरकार विश्वास मत हासिल कर रही है। मुख्यमंत्री की कुर्सी को कांटों भरा ताज बताते हुए भुक्कल ने कहा, पिछली बार 75 पार का नारा दिया था और फिर जजपा के सहयोग से सरकार चलाई। लोगों ने मनोहर-दुष्यंत की जोड़ी को नकारने का काम किया, इसलिए अब मुख्यमंत्री को बदल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली कैबिनेट ने राजधर्म का पालन नहीं किया।

भूल नहीं सकते मनोहर के कामों को : मूलचंद

कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा, मनोहर लाल के नेतृत्व में ऐसे कार्य हुए, जो इतिहास में कभी नहीं हुए। उनके कार्यों को भूल नहीं सकते। पहले 40 नंबर वाले एचसीएस लगते थे और अब 95 अंकों वालों को नौकरी मिल रही है। मैरिट और पारदर्शिता भाजपा की खूबी है। उन्होंने कहा, आगे भी सरकार मनोहर लाल के नेतृत्व में किए गए कार्यों को आगे बढ़ाएगी। हरियाणा में बदल रहा है। आंकड़ों से चलता है, झूठे नारों से नहीं।

नये को बधाई, पुराने को क्या कहूं : गोगी

असंध विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा, नये मुख्यमंत्री को बधाई, पुराने को क्या कहूं। उन्होंने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री ने सीएम आवास के बाहर तो लिखवा दिया कबीर कुटीर लेकिन काम उसके उलट किए। आपसी भाईचारा बिगाड़ने और प्रदेश का माहौल बिगाड़ने का काम किया। करनाल में स्मार्ट सिटी के नाम पर घोटाला हुआ है।

 

 

 

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