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‘आप’ को पंजाब के 117 हलकों में से सिर्फ 33 पर मिली बढ़त

07:01 AM Jun 07, 2024 IST
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चंडीगढ़, 6 जून (एजेंसी)
पंजाब में संसदीय चुनाव में खराब प्रदर्शन करने वाली सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) 117 विधानसभा क्षेत्रों में से सिर्फ 33 में बढ़त बना सकी। यह जानकारी निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से मिली है। कांग्रेस ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को झटका दिया है और पंजाब की 13 लोकसभा सीट में से सात पर जीत दर्ज की है जबकि दो सीट निर्दलियों के खाते में गईं। ‘आप’ ने तीन और सुखबीर बादल नीत शिअद ने एक सीट जीती जबकि भाजपा सीमावर्ती राज्य में खाता भी नहीं खोल पाई।
दलों के विधानसभा वार प्रदर्शन का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि ‘आप’ को महज़ 33 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिल सकी, जबकि कांग्रेस को 37, भाजपा को 23 और शिअद को नौ क्षेत्रों में बढ़त मिली। खडूर साहिब के आठ विधानसभा क्षेत्रों और फरीदकोट सीट के सात विधानसभा क्षेत्रों में क्रमशः निर्दलीय उम्मीदवारों कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और सरबजीत सिंह खालसा को बढ़त हासिल हुई। ‘आप’ कुछ कैबिनेट मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में भी पीछे रही। वह सिर्फ तीन लोकसभा सीट - होशियारपुर, आनंदपुर साहिब और संगरूर - जीत सकी। हालांकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य की सभी 13 सीट जीतने का लक्ष्य तय किया था।
पांच मंत्रियों समेत 8 विधायक उतारे थे पार्टी ने
पार्टी ने पांच मंत्रियों समेत आठ विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारा था और केवल एक मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ही संगरूर सीट से जीत दर्ज कर सके। गुरदासपुर संसदीय सीट के तहत आने वाले भोआ विधानसभा क्षेत्र में ‘आप’ तीसरे स्थान पर रही। इस विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक करते हैं। सत्तारूढ़ पार्टी ने अन्य दलों से आये तीन उम्मीदवारों के अलावा एक पंजाबी अभिनेता को भी मैदान में उतारा था। मुख्यमंत्री मान ने अपनी सरकार के दो साल के प्रदर्शन के आधार पर चुनाव प्रचार किया था। विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल होने के बावजूद राज्य में कांग्रेस और ‘आप’ अलग-अलग चुनाव लड़ा था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर नैतिक आधार पर बुधवार को मुख्यमंत्री मान से इस्तीफा देने को कहा था। ‘आप’ ने 26.02 प्रतिशत वोट हासिल किए, जो पिछले संसदीय चुनावों की तुलना में 7.38 प्रतिशत अधिक हैं, जबकि कांग्रेस को 26.30 प्रतिशत मत हासिल हुए। भाजपा का मत प्रतिशत दोगुना होकर 18.56 फीसदी हो गया तथा शिअद का मत प्रतिशत 13.42 फीसदी रहा।

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