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आयु निर्धारण के लिए आधार कार्ड वैध दस्तावेज नहीं : सुप्रीम कोर्ट

06:49 AM Oct 25, 2024 IST

नयी दिल्ली, 24 अक्तूबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें मुआवजा देने के लिए सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले व्यक्ति की आयु निर्धारित करने के लिए आधार कार्ड को स्वीकार कर लिया गया था।
जस्टिस संजय करोल और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि मृतक की उम्र किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 94 के तहत विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र में उल्लिखित जन्मतिथि से निर्धारित की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने दावेदार-अपीलकर्ताओं के तर्क को स्वीकार कर लिया और मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) के फैसले को बरकरार रखा, जिसने मृतक की उम्र की गणना उसके विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र के आधार पर की थी। शीर्ष अदालत 2015 में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए एक व्यक्ति के परिजनों द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। एमएसीटी, रोहतक ने 19.35 लाख रुपये के मुआवजे का आदेश दिया था जिसे उच्च न्यायालय ने यह देखने के बाद घटाकर 9.22 लाख रुपये कर दिया कि एमएसीटी ने मुआवजे का निर्धारण करते समय आयु गुणक को गलत तरीके से लागू किया था। हाईकोर्ट ने मृतक के आधार कार्ड पर भरोसा करते हुए उसकी उम्र 47 वर्ष आंकी थी। परिवार ने दलील दी कि हाईकोर्ट ने उम्र निर्धारित करने में गलती की है क्योंकि यदि उसके विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र के अनुसार उसकी उम्र की गणना की जाती है तो मृत्यु के समय उसकी उम्र 45 वर्ष थी।

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