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अनुभव और जोश का भंडार, हरियाणा में फिर नायब सरकार

07:34 AM Oct 18, 2024 IST
अनुभव और जोश का भंडार  हरियाणा में फिर नायब सरकार
शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद अनेक केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के सीएम, राज्यपाल एवं अन्य।
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 17 अक्तूबर
हरियाणा में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार का गठन हो गया है। बृहस्पतिवार को वाल्मीकि जयंती के मौके पर पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मुख्यमंत्री के अलावा 13 मंत्रियों को भी शपथ दिलवाई। मंत्रियों में अनुभवी नेताओं के अलावा युवा चेहरे भी शामिल हैं। गौर हो कि नब्बे सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित कुल चौदह मंत्री बन सकते हैं।
मंत्रिमंडल में 11 कैबिनेट और दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए हैं। हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी राजनीतिक दल ने लगातार तीसरी बार सरकार का गठन किया है। भाजपा ने इस उपलब्धि को भुनाते हुए पंचकूला में भव्य शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व बिजली मंत्री मनोहर लाल सहित कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे।
भाजपा ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा राजनीतिक संदेश देते हुए शपथ ग्रहण समारोह में एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों के अलावा कई राज्यों के राज्यपाल व उप-राज्यपाल भी आमंत्रित किए। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित 16 राज्यों के मुख्यमंत्री कार्यक्रम में नजर आए। मुख्यमंत्री के रूप में नायब सिंह सैनी ने 1 बजकर 21 मिनट पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। शपथ ग्रहण करने के बाद नायब सिंह सैनी ने पीएम नरेंद्र मोदी से उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
हरियाणा विधानसभा में सात बार के विधायक अनिल विज की वरिष्ठता का ध्यान रखते हुए भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर पर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलवाई। विज ने अम्बाला कैंट से लगातार चौथी बार जीत हासिल की है। इसराना से विधायक बने और प्रदेश के बड़े दलित चेहरे कृष्ण लाल पंवार को भी नायब सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। 2019 में चुनाव हारने के बाद भाजपा ने 2022 में उन्हें राज्यसभा में भेजा।
पूर्व में भी मंत्री रह चुके बादशाहपुर से विधायक राव नरबीर सिंह भी नायब सरकार में बतौर कैबिनेट मंत्री शामिल किये गये हैं। पानीपत ग्रामीण से जीत की हैट्रिक लगाने वाले पूर्व विकास एवं पंचायत तथा सहकारिता राज्य मंत्री महिपाल सिंह ढांडा को अब कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री रहे व फरीदाबाद से दूसरी बार विधायक बने विपुल गोयल ने भी नायब मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
करनाल, सोनीपत व रोहतक से सांसद रह चुके और इस बार गोहाना से विधायक बने डॉ. अरविंद शर्मा को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में मुख्य संसदीय सचिव रहे और रादौर से दूसरी बार विधायक बने श्याम सिंह राणा ने कैबिनेट मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मनोहर व नायब सरकार में डिप्टी स्पीकर रहे रणबीर सिंह गंगवा इस बार बरवाला से चुनाव जीते हैं। बीसी-ए के बड़े चेहरे रणबीर सिंह गंगवा को नायब सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नरवाना हलके से चुनाव जीतने वाले कृष्ण कुमार बेदी को भी नायब मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इससे पहले वह 2014 में शाहबाद से विधायक बने थे और मनोहर सरकार में राज्य मंत्री रहे। भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल की पोती व तोशाम से पहली बार विधायक बनीं श्रुति चौधरी भी कैबिनेट मंत्री बनाई गई हैं। उनकी मां किरण चौधरी भाजपा की राज्यसभा सांसद हैं। श्रुति चौधरी ने अंग्रेजी में पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।
इसी तरह भूतपूर्व मुख्यमंत्री राव बिरेंद्र सिंह की पोती आरती सिंह राव ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है। आरती सिंह राव ने पहली बार अटेली हलके से चुनाव जीता है। वह केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी हैं। फरीदाबाद के तिगांव हलके से लगातार दूसरी बार विधायक बने राजेश नागर को नायब सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। इसी तरह पलवल से पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे गौरव गौतम ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।

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ये बने पहली बार मंत्री

नायब कैबिनेट में शामिल 13 मंत्रियों में से सात पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। इनमें से चार– डॉ. अरविंद शर्मा, श्रुति चौधरी, आरती सिंह राव गौरव गौतम ऐसे हैं, जो विधायक भी पहली बार ही बने हैं। पहली बार मंत्री बनने वालों में इन चारों विधायकों के अलावा श्याम सिंह राणा, रणबीर सिंह गंगवा व राजेश नागर शामिल हैं। हालांकि श्याम सिंह राणा पहले मुख्य संसदीय सचिव और रणबीर सिंह गंगवा डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं।

ये बने समारोह के साक्षी

नायब सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, बिजली मंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री जीतनराम मांझी तथा मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह भी उपस्थित रहे। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, कृष्ण पाल गुर्जर, रामदास अठावले, जयंत चौधरी, अनुप्रिया पटेल, सत्यपाल सिंह बघेल भी मौजूद रहे। समारोह में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी मौजूद रहे।

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कैबिनेट की पहली बैठक आज

प्रदेश में सरकार के गठन के साथ ही शुक्रवार को नायब मंत्रिमंडल की पहली बैठक चंडीगढ़ में होगी। इस बैठक में विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला लिया जाएगा। सत्र सोमवार या मंगलवार को बुलाया जा सकता है। इसमें सभी विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। सत्र का फैसला लेने के बाद राज्यपाल की ओर से सबसे वरिष्ठ विधायक को प्रो-टम स्पीकर की ओथ दिलाई जाएगी। बेरी से सात बार के विधायक डॉ. रघुबीर सिंह कादियान को प्रो-टम स्पीकर बनाया जा सकता है। फिर वह सत्र के दौरान सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे। सत्र के दौरान ही विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होगा।

16 राज्यों के मुख्यमंत्री भी पहुंचे

शपथ ग्रहण समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एऩ चंद्रबाबू नायडू, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मणिपुर के मुख्यमंत्री नोंगथोम्बम बीरेन सिंह, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले), त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे।

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