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धनतेरस पर 100 बरस बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग

09:03 AM Oct 28, 2024 IST
धनतेरस पर 100 बरस बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग
प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के आचार्य त्रिलोक शास्त्री जी महाराज। -हप्र
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जगाधरी, 27 अक्तूबर (हप्र)
धनतेरस का पर्व इस बार 29 अक्तूबर को मनाया जाएगा। प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के आचार्य त्रिलोक शास्त्री ने बताया कि 100 बरस के बाद अबकी बार इस पर्व पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। उन्होंने कहा कि धनतेरस का नाम धन और तेरस से बना है जिसमें धन का मतलब संपत्ति और समृद्धि है और तेरस का अर्थ हिंदू कैलेंडर की 13वीं तिथि है। इस दिन भगवान धन्वतरि आरोग्यता के देवता की पूजा-अर्चना करने से अच्छी सेहत और रोगों से मुक्ति मिलती है। आचार्य त्रिलोक ने बताया कि धनतेरस पर इस बार 100 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। उनका कहना है कि धनत्रयोदशी याननी धनतेरस के दिन त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, लक्ष्मी नारायण योग, शश महापुरुष राजयोग कुल 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। ऐसे में पूजा और खरीदारी का विशेष लाभ मिलेगा। आचार्य त्रिलोक के अनुसार इस पावन दिन पर सोने और चांदी या बर्तन की खरीदारी करनी चाहिए। इससे घर में बरकत होती है।
धनतेरस पर आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा करने से अपार पुण्य मिलता है। घर के मुख्य दरवाजे पर यमदेव देवता का ध्यान करके दक्षिण दिशा पर दीपक स्थापित करना चाहिए। उनका कहना है कि इससे अकाल मृत्यु का भय नहीं होता। आचार्य त्रिलोक का कहना है कि धनतेरस पर वाहन, संपत्ति,बही-खाता, जमीन, भवन, ज्वैलरी आदि की खरीदारी करने से मां लक्ष्मी की परिवार पर कृपा बनी रहती है।
उनका कहना है कि अगर धनतेरस पर महंगी चीजें नहीं खरीद सकते तो दक्षिणावर्ती शंख, नमक, धातु का बर्तन जरुर खरीदें। इससे सुख-समृद्धि रहती है।

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