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पेशा जिसमें सेवाभाव जोखिम का जज्बा भी

06:40 AM Jun 27, 2024 IST
पेशा जिसमें सेवाभाव जोखिम का जज्बा भी
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अशोक जोशी
कुछ दिनों पहले ही कुवैत में एक बहुमंजिला भवन में आग लगने से 40 से अधिक भारतीय मजदूरों की मृत्यु हो गई। इससे पहले नई दिल्ली के उपहार सिनेमा की आग के हादसे और देश के अलग-अलग हिस्सों में हर साल आने वाली बाढ़ और तटवर्ती इलाकों में समुद्री तूफानों से होने वाले जान-माल के नुकसान की घटनाएं सुनने को मिली हैं। कुछ साल पहले केदारनाथ में हुए हादसे को भी लोग अभी भूले नहीं। लेकिन समय पर किए जाने वाले आपदा प्रबंधन से इस तरह की घटनाओं को न केवल रोका जा सकता है बल्कि इससे होने वाले जान-माल के नुकसान को भी सीमित किया जा सकता है।
जिन युवाओं को शारीरिक गतिविधियां पसंद हैं और जो समाज को आपदा से उबरने में मदद करना चाहते हैं और जिन्हें एडवेंचर से लगाव है, उनके लिए आपदा प्रबंधन एक अच्छा और सम्मानित कैरियर विकल्प है। आपदा प्रबंधन एक संरचित योजना और प्रक्रिया है जो प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के होने पर जीवन और महत्वपूर्ण संपत्तियों को गंभीर नुकसान से बचाने के लिए होती है। इस क्षेत्र के पेशेवर आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए तैयारी, बचाव, पुनर्प्राप्ति और पुनर्वास उपायों की जिम्मेदारी लेते हैं।

आपदा के प्रकार

आपदा मुख्यत: दो प्रकार की हो सकती हैं - प्राकृतिक आपदाएं : भूकंप, सुनामी, बाढ़, भूस्खलन, चक्रवात, शहरी बाढ़, शीत लहर। मानव निर्मित आपदा : परमाणु आपदा, रासायनिक आपदा जैसे भोपाल गैस त्रासदी, जैविक आपदा जिसकी मिसाल है यूक्रेन में घटित चेर्नोबिल परमाणु आपदा।

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आपदा प्रबंधन में भूमिकाएं और जिम्मेदारियां

इस क्षेत्र के पेशेवर आपात स्थितियों के सभी मानवीय पहलुओं से निपटते हैं। इस कैरियर क्षेत्र में आने वाले लोगों के लिए प्रतिक्रिया और पुनर्प्राप्ति प्राथमिक जिम्मेदारी है। वहीं आपदाओं पर समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना, आपदा प्रबंधन पर नीतियां बनाना, आपातकालीन कॉल और सहायता के अनुरोधों पर तुरंत और सुरक्षित तरीके से प्रतिक्रिया देने के अलावा किसी घटना से निपटने के बाद साइट की सफाई और उसकी जांच करना भी दायित्वों की सूची में है। इसमें आपदा प्रबंधन के लिए नीति और योजनाओं के प्रवर्तन और कार्यान्वयन का समन्वय करना व ऑपरेशन से पहले एहतियाती उपाय करना भी शामिल है।

देश-विदेश में मिलते हैं अवसर

चूंकि यह एक खास प्रकार का कार्य है और औद्योगिकरण के साथ-साथ प्रकृति के साथ की जाने वाली छेड़छाड़ के चलते देश-विदेश में प्राकृतिक आपदा के प्रकरणों में साल-दर-साल वृद्धि हो रही है, इस क्षेत्र में काम करने वालों की मांग भी तेजी से बढ़ती जा रही है। मांग के साथ आपदा प्रबंधन का क्षेत्र अच्छा वेतन भी प्रदान करता है। इस क्षेत्र में कैरियर बनाने वालों को औसतन तीन से लेकर नौ लाख रुपए तक वेतन तथा अन्य आपदा भत्ते मिलते हैं।
इस क्षेत्र में कैरियर बनाने वालों के लिए सरकारी विभागों,बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ साथ केमिकल, माइनिंग,पैट्रोलियम कम्पनियों, बाढ़ नियंत्रण प्रभागों ,एनजीओ तथा अन्य इंटरनेशनल रेडक्रास व यूएनओ जैसे विश्वस्तरीय संगठनों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। आपदा प्रबंधन में कैरियर बनाने वालों को डिजास्टर मैनेजमेंट आफिसर, इमरजेंसी मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट, इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन, फायर इंस्पेक्टर, फायर इन्वेस्टिगेटर्स, फॉरेस्ट फायर फाइटर, सिक्योरिटी गार्ड्स, फायर फाइटर्स जैसे पदों पर काम करने के अवसर मिलते हैं।

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शैक्षणिक योग्यताएं

पहले आपदा प्रबंधन की शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए विदेश जाना पड़ता था। लेकिन अब हमारे देश में ही सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों ने इस विषय के महत्व को समझकर सर्टिफिकेट से लेकर एमबीए स्तर के पाठयक्रम उपलब्ध कराए हैं। बारहवीं पास से लेकर ग्रेेजुएट युवा इस क्षेत्र में कैरियर निर्माण के बारे में गंभीरतापूर्वक विचार कर सकते हैं क्योंकि इस क्षेत्र में न केवल आय अर्जित करने बल्कि समाज सेवा के लिए भी अच्छे अवसर उपलब्ध हैं।
इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए किसी भी विषय में बारहवीं उत्तीर्ण करने के बाद किसी भी विषय में स्नातक या इंजीनियरिंग या मेडिकल का कोर्स किया जा सकता है। इसके बाद डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए और डिजास्टर मैनेजमेंट में पीएचडी कर अच्छे पद पर नियुक्ति हासिल की जा सकती है।

अन्य जरूरी कौशल

यह क्षेत्र केवल शिक्षा तक ही सीमित नहीं है। इसमें कैरियर बनाने वालों को शारीरिक तथा मानसिक रूप से भी मजबूत होना चाहिए। जो युवा चुनौतियों का सामना कर मैदानी स्तर पर समस्याओं से जूझते हुए जोखिम भरी स्थितियों के लिए सदैव तैयार रहते हैं, उनके लिए यह उपयुक्त व उम्दा कैरियर विकल्प है।

महत्वपूर्ण संस्थान

आपदा प्रबंधन की शिक्षा के लिए जिन संस्थानों का नाम उल्लेखनीय है उनमें डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टिच्यूट भोपाल, डिजास्टर मिटिगेशन इंस्टिच्यूट अहमदाबाद, सेंटर फार डिजास्टर मैनेजमेंट पुणे, नेशनल इन्फर्मेशन सेंटर ऑॅफ अर्थ तथा आईआईटी कानपुर प्रमुख हैं।

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