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बेहतर स्वास्थ्य के लिए हंसी की खुराक

07:53 AM Sep 11, 2024 IST

डॉ. माजिद अलीम
हं सने से हमारे शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे उसी समय तनाव कम होने लगता है और हम अच्छा महसूस करने लगते हैं। दरअसल, एंडोर्फिन हमारे मस्तिष्क से पैदा होने वाला ऐसा रसायन है जो हमें अच्छा महसूस कराता है। वैसे तो बिना हंसे भी कुछ स्थितियों-परिस्थितियों में यह रसायन पैदा होता है, लेकिन जब हम हंसते हैं तो शरीर में इसके पैदा होने की मात्रा काफी बढ़ जाती है, इसलिए यह हमें किसी भी तरह के तनाव से उसी समय लड़ने और सकारात्मक महसूस करने में मदद करता है, जिससे हमारा बिगड़ा हुआ मूड सही हो जाता है। वास्तव में तनाव से राहत दिलाने के लिए हंसी हमारे शरीर की सबसे मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली है। एक किस्म से हंसी प्राकृतिक दर्द निवारक है, जिससे दर्द तो कम होता ही है, मूड भी बेहतर हो जाता है। हां, यह बिल्कुल तात्कालिक नहीं होता, हंसने से एंडोर्फिन के साथ साथ हमारे शरीर में सेरोटोनिन का स्तर भी बढ़ता है, जिससे हंसी के साथ-साथ हमें खुशी भी मिलती है, जिसका अहसास काफी देर तक रहता है और हमें स्थायी रूप से आराम मिलता है।

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दूर भगाए गुस्से और निराशा को

हंसने से शरीर को और भी कई फायदे हैं जैसे इससे हमारे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, मांसपेशियों को आराम मिलता है, हृदय रोग से बचाव होता है। हंसने से हमारे सामाजिक संबंध भी बेहतर होते हैं। हंसना रक्तसंचार बेहतर बनाता है, तो हमें गुस्सा कम आता है और अवसाद में जाने की स्थितियां कम हो जाती हैं। नींद से जुड़ी समस्याओं में भी हंसना फायदेमंद होता है। जिन लोगों को अनिद्रा की बीमारी होती है, उन्हें लॉफ्टर थैरेपी दी जाती है। अगर हम रोज दिन में कम से कम एक बार खिलखिलाकर हंसते हैं तो हम मानसिक तनाव से मुक्त रहते हैं। एक बार हंसने से कम से कम 50 मिनट तक मांसपेशियों को राहत मिलती है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति सुबह 10 मिनट तक हंस लेता है या ऐसी संगत में रहता है, जहां हंसी, मजाक और खुशी का माहौल होता है, तो पूरा दिन मूड बेहतर रहता है।

रक्तसंचार सुचारु करने में मददगार

आपने सुना होगा कि हंसने से खून बढ़ता है, खून बढ़ता नहीं बल्कि हमारा रक्त प्रवाह बेहतर हो जाता है। सवाल है कितना बेहतर? अगर इस संबंध में शोध करने वालो की मानें तो हंसने से हमारा 20 फीसदी रक्तसंचार बेहतर हो जाता है और इस 20 फीसदी रक्तसंचार के बढ़ने से हमारे शरीर की 50 फीसदी बीमारियां खत्म हो जाती हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हंसना सिर्फ बेहतर मूड का टॉनिक ही नहीं है बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य का भी रामबाण टॉनिक है। हंसना सामाजिक रूप से भी बहुत सकारात्मक गुण है। हंसने वाले लोगों को समाज में सकारात्मक तौर पर लिया जाता है।

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हंसी के भी हैं कुछ तौर-तरीके

लेकिन हंसने के कुछ तौर-तरीके भी होते हैं। आमतौर पर दूसरों की कमियों पर हंसने वाले लोगों को वो फायदे नहीं मिलते, जो किसी बात पर खुश होकर हंसने से मिलते हैं। इसी तरह बात-बात पर जो लोग ठहाका मारकर हंसते हैं, उनसे भी लोग ज्यादा खुश नहीं होते, क्योंकि उन्हें अहंकारी माना जाता है। कुछ लोगों को नींद में हंसने की आदत होती है। लेकिन नींद में यह हंसना किसी तरह से परेशानी का सबब नहीं होता बल्कि शोधकर्ताओं का मानना है कि यह आम बात है, जब लोग हंसने वाला सपना देखते हैं तो ज्यादातर लोग नींद में रहते हुए भी हंसते हैं। हां, लेकिन अभी एक हालिया शोध में यह बात भी कही गई है कि नींद में अकसर हंसना बहुत दुर्लभ मामलों में न्यूरोलॉजिकल विकार का लक्षण होता है, इसे हिप्नोजैली कहते हैं।

हंसने और मुस्कुराने में बड़ा फर्क

हंसने और मुस्कुराने में फर्क होता है। कई लोगों का चेहरा ही मुस्कुराहटपूर्ण होता है, वो भले न मुस्कुराएं फिर भी मुस्कुराते हुए लगते हैं। क्योंकि लंबे समय तक मुस्कुराने के कारण उनके चेहरे की बनावट मुस्कुराहटपूर्ण हो जाती है। लेकिन हंसना और मुस्कुराना दो अलग बातें होती हैं। कई बार जब हम जोर से हंसते हैं तो हमारी आंखों की नलियों पर दबाव बनता है और इस कारण हमारे आंसू भी आ जाते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि एंडोर्फिन और सेरोटोनिन के साथ साथ हंसने से शरीर में डोपामाइन हार्मोन की भी वृद्धि होती है, जिससे हम हंसने से तुरंत खुशी महसूस करते हैं और वह काफी देर तक बनी रहती है। इस तरह देखें तो हंसना हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन टॉनिक है। -इ.रि.सें.

 

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