दो पूर्व मंत्रियों सहित भाजपा के 8 उम्मीदवारों की जमानत जब्त
चंडीगढ़, 10 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा की नायब सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ़ कमल गुप्ता तथा खेल राज्य मंत्री रहे संजय सहित सहित भाजपा के आठ उम्मीदवार इस बार अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। वहीं भाजपा के लगभग बराबर वोट शेयर हासिल करने वाली कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई और पार्टी के 3 प्रत्याशियों की ही जमानत जब्त हुई। नब्बे हलकों में से 48 पर भाजपा, 37 पर कांग्रेस, दो पर इनेलो और तीन हलकों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।
कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने में निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अहम भूमिका निभाई है। 7 निर्दलीय उम्मीदवार ऐसे हैं, जो अच्छे-खासे वोट लेकर नंबर-दो पर रहे। वहीं एक दर्जन से अधिक ऐसे निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं, जिन्हें मिल वोट बैंक की वजह से कांग्रेस को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। 2019 में दस सीटों पर जीत हासिल करने वाली और साढ़े चार वर्षों तक भाजपा के साथ गठबंधन के तहत सरकार में शामिल रही जजपा का एक भी उम्मीदवार ऐसा नहीं है, जो दूसरे नंबर पर रहा हो। अधिकांश हलकों में पार्टी उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई।
इनेलो के साथ भी कुछ ऐसी ही स्थिति रही। इनेलो ने दो सीटों – डबवाली और रानियां में जीत हासिल की है। नूंह से अकेले ताहिर हुसैन अकेले ऐसे उम्मीदवार हैं, जो दूसरे नंबर पर रहे। भाजपा की जिन आठ हलकों में जमानत जब्त हुई उनमें नूंह, हिसार, डबवाली, रानियां, ऐलनाबाद, महम, पुन्हाना व गन्नौर शामिल हैं। गन्नौर से भाजपा के बागी देवेंद्र सिंह कादियान और हिसार से सावित्री जिंदल ने जीत हासिल की है। वहीं डबवाली व रानियां में इनेलो तथा बाकी चार हलकों में कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव जीते हैं।
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस की तीन हलकों – अंबाला कैंट, बल्लबगढ़ और तिगांव में जमानत जब्त हुई है। यहां कांग्रेस के ही बागियों ने खेल बिगाड़ा और वे नंबर-दो पर रहे। अंबाला कैंट में कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा, तिगांव में ललित नागर और बल्लभगढ़ में शारदा राठौर ने कांग्रेस को न केवल तीसरे पायदान पर धकेल दिया बल्कि पार्टी प्रत्याशियों की जमानत भी नहीं बच सकी। इन तीनों सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।
इस तरह से समझें
45 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और 32 में भाजपा उम्मीदवार नंबर-दो पर रहे। सात हलकों में निर्दलीय उम्मीदवार दूसरे पायदान पर रहे। इनमें अंबाला कैंट से चित्रा सरवारा, पुंडरी से सतबीर भाना, बरोदा से कपूर सिंह नरवाल, गुरुग्राम से नवीन गोयल, पुन्हाना में रहीस खान, बल्लबगढ़ में शारदा राठौर व तिगांव से ललित नागर शामिल हैं। इसी तरह इनेलो दो सीटों – ऐलनाबाद से अभय सिंह चौटाला और नूंह से ताहिर हुसैन दूसरे नंबर पर रहे। सिरसा से हलोपा के गोपाल कांडा और महम से हरियाणा जनेसवा पार्टी के बलराज कुंडू भी दूसरे नंबर पर रहे। ये दोनों ही मौजूदा विधायक थे। इसी तरह भिवानी से सीपीआई-एम के कामरेड ओमप्रकाश और अटेली हलके से बसपा के ठाकुर अत्तर लाल दूसरे पायदान पर रहे।
महज .85 प्रतिशत वोट का रहा अंतर
कांग्रेस ने 2019 के चुनावों के मुकाबले इस बार अपने वोट शेयर में 11 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की है। वहीं भाजपा का वोट प्रतिशत तीन प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। लेकिन दोनों पार्टियों के बीच सीटों का अंतर काफी बढ़ गया। इस बार भाजपा 2019 के 36.49 प्रतिशत वोट शेयर के मुकाबले 39.94 प्रतिशत वोट लेकर 48 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। वहीं कांग्रेस ने 2019 में मिले 28.08 प्रतिशत वोट के मुकाबले इस बार 39.09 प्रतिशत वोट हासिल किए। इस बार जजपा का खाता नहीं खुला और उसे महज 0.90 प्रतिशत यानी एक प्रतिशत वोट भी नहीं मिल सका। इस बार इनेलो के दो विधायक बने हैं और पार्टी ने 4.14 प्रतिशत वोट जुटाए।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 यानी आरपी एक्ट की धारा 158(4) के तहत, अगर किसी चुनाव में कोई उम्मीदवार जीत हासिल नहीं करता तो वह अपनी जमानत राशि लेने का हकदार है। लेकिन कुल वैध वोटों का एक छठा भाग यानी 16.66 प्रतिशत वोट हासिल करना इसके लिए अनिवार्य हैं। सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 10 हजार और एससी उम्मीदवारों के लिए 5 हजार रुपये जमानत राशि तय है।
-हेमंत कुमार, एडवोकेट एवं विधायी मामलों के जानकार।