देश में 70 करोड़ लोग बेरोजगार : तिवारी
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 2 मई (हप्र)
चंडीगढ़ संसदीय क्षेत्र से इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार मनीष तिवारी ने कहा है कि इंडिया सरकार हर नए स्नातक और डिप्लोमाधारक को पहले वर्ष में नौकरी की गारंटी देगी। तिवारी ने कहा कि कांग्रेस ने युवाओं, महिलाओं, किसानों और मजदूरों सहित समाज के सभी वर्गों को कवर करते हुए 25 गारंटी दी हैं। उन्होंने खुलासा किया कि भाजपा सरकार के तहत देश में बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई की समस्या सबसे गंभीर हालातों में पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है और 70 करोड़ लोग बेरोजगार और बिना किसी नौकरी के हैं। तिवारी ने कहा कि ‘पहली नौकरी पक्की’ के तहत हर नए स्नातक या डिप्लोमाधारक को एक साल की अप्रेंटिसशिप मिलेगी, जिस दौरान उसे 8500 रुपये प्रति माह की दर से एक लाख रुपये मिलेंगे। उन्होंने बताया कि इससे उन्हें जॉब मार्केट में प्रवेश मिलेगा। तिवारी ने सेक्टर 29 और 30 में पदयात्रा की। जहां उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की। कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय पार्षद तरुणा मेहता और यादविंदर मेहता ने किया। इस अवसर पर सादिक मोहम्मद, सुखविंदर, आप नेता सन्नी औलख, हरप्रीत सिंह उप्पल, ओपी वर्मा, विनोद कुमार सोनू, बलदेव सिंह, जसबीर सिंह संधू, मजहर हुसैन, आशीष और चन्नी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
वहीं तिवारी ने वरिष्ठ वकील संदीप वरमानी द्वारा आयोजित डीआरटी बार एसोसिएशन की बैठक को भी संबोधित किया। उन्होंने ऋण वसूली और वित्तीय स्थिरता के विभिन्न कानूनी पहलुओं पर चर्चा की। बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस ढिल्लों, उपाध्यक्ष सुमित सहगल और सचिव तनवीर रत्ता सहित अन्य लोग शामिल रहे।
चंडीगढ़ में चार इंजन की सरकार हुई फेल : मनीष
चंडीगढ़ लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी मनीष तिवारी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर अच्छे दिनों का वादा करके लोगों को ठगने का आरोप लगाया है। खास तौर पर चंडीगढ़ में चलने वाली इनकी चार इंजन की सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है। तिवारी ने कहा कि बीते 10 सालों में इन्होंने हमारी और आपकी जेब से करीब 33 लाख करोड़ रुपए निकाले। लेकिन उसके मुकाबले युवाओं को हर साल 2 करोड़ नौकरियां नहीं मिलीं, जो आंकड़ा 10 सालों में 20 करोड़ का होना चाहिए था। यहां तक कि कई सरकारी पद अभी भी खाली हैं। चंडीगढ़ में चार इंजन की सरकार होने के बावजूदलोगों को यहां परेशानी झेलनी पड़ रही है।