51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी, ‘अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी’ पर चर्चा
सोनीपत, 28 दिसंबर (हप्र)
शहर में चल रही 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के तीसरे दिन विज्ञान और नवाचार का उत्सव जारी रहा। शनिवार को ‘अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी’ पर फोकस रहा। खराब मौसम के बावजूद हरियाणा के विभिन्न जिलों से कई छात्रों ने प्रदर्शनी में पहुंचकर विभिन्न मॉडलों में गहरी रुचि दिखायी। हरियाणा खेल विश्वविद्यालय, राई में आयोजित प्रदर्शनी में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के भौतिकी विभाग के प्रो. संदीप सहजपाल द्वारा ‘अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी’ पर चर्चा की।
प्रतिष्ठित खगोल भौतिक विज्ञानी, प्रो. सहजपाल ने सौर मंडल की उत्पत्ति और विकास के साथ-साथ ग्रहों व चंद्रमाओं के निर्माण पर गहरी जानकारी साझा की। उन्होंने आईएसआरओ के प्लेनेटरी एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम में अपनी भागीदारी पर चर्चा की और दिखाया कि कैसे खगोलीय घटनाओं का अनुकरण करने के लिए कम्प्यूटेशनल मॉडल का उपयोग किया जाता है। उन्होंने युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
आईआईटी रुडक़ी के प्रो. शिव प्रसाद ने ‘कंप्यूटेशनल थिंकिंग- फजी सेट थ्योरी’ पर अपनी प्रस्तुति दी। विशेषज्ञ प्रो. शिव प्रसाद ने क्रिस्प और फजी सेट की अवधारणाओं को समझाया। उन्होंने दैनिक जीवन में इनके उपयोग, जैसे वाशिंग मशीन और जापानी बुलेट ट्रेन के उदाहरण प्रस्तुत किए।
उन्होंने यह भी बताया कि फजी लॉजिक कैसे वास्तविक दुनिया की अस्पष्टताओं को हल करने में मदद करता है और इसके व्यावहारिक उपयोग को स्पष्ट करने के लिए उदाहरण दिए। तीसरे दिन का समापन डॉ. आशीष के. श्रीवास्तव, डीईएसएम, की साइबर सुरक्षा और डिजिटल दुनिया पर एक लोकप्रिय विज्ञान वार्ता के साथ हुआ। उन्होंने साइबर खतरों, जैसे कंप्यूटर वायरस और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के महत्व पर जोर दिया और सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए।
बारिश भी नहीं डाल पाई खलल
बारिश के बावजूद प्रदर्शनी में देश के 28 राज्यों से चयनित 400 युवा छात्र विज्ञान प्रदर्शक और प्रदेशभर के 4 हजार छात्रों ने भाग लिया। इसने जिज्ञासा और खोज के एक जीवंत माहौल का निर्माण किया। दिनभर के सत्रों में आकर्षक विज्ञान वार्ताए और नवाचारी परियोजनाओं की उल्लेखनीय प्रदर्शनी प्रस्तुत की गई, जिसने सभी प्रतिभागियों के लिए एक समृद्ध अनुभव प्रदान किया।