For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

मोबाइल हैक कर 9.80 लाख निकालने के मामले में 5 काबू

07:42 AM Nov 20, 2024 IST
मोबाइल हैक कर 9 80 लाख निकालने के मामले में 5 काबू
Advertisement

सोनीपत, 19 नवंबर (हप्र)
साइबर थाना पुलिस ने मैनेजर का मोबाइल हैक कर खाते से नकदी निकालने के मामले में पर्दाफाश करते हुए गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ व चंडीगढ़ के मनीमाजरा से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनसे नकदी, मोबाइल, डेबिट कार्ड, चेक बुक व पासबुक बरामद की है। आरोपी देशभर में 2243 लोगों से 8.31 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। वेस्ट रामनगर निवासी बलराज ने एक नवंबर को साइबर थाना पुलिस को बताया था कि वह पंजाब नेशनल बैंक की सोहटी शाखा में मैनेजर हैं। उन्होंने साइबर थाना पुलिस को बताया कि 22 अक्तूबर को उन्होंने अपने मोबाइल में व्हाट्सएप डाउनलोड किया था। तभी किसी ने उनके मोबाइल को हैक कर लिया। 25 अक्तूबर को उनके मोबाइल पर रुपये कटने के मैसेज आने शुरू हो गए। उन्होंने मैसेज देखकर तुरंत अपने खाते को बंद करा दिया। उन्होंने देखा कि उनके खाते से 9,80,500 रुपये कट चुके थे। जानकारी मिली कि फर्जी वेबसाइट से उनके खाते से फर्जी कागजात पर खोले गए बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर किए गए है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले में कार्रवाई करते हुए साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार व उनकी टीम में शामिल एएसआई नरेंद्र, संजय, प्रदीप, विकास व दिनेश की टीम ने 5 आरोपियों का गिरफ्तार कर लिया। जिसमें यूपी के जिला आजमगढ़ के गांव फूलपुर निवासी शैलेश, आंबेडकर नगर के गांव असनारा निवासी भीम, गांव शहाबद्दीनपुर निवासी चंचल, अहिरोली रानी मऊ निवासी विशाल व गांव नुरुदींपुर निवासी गोविंद को गिरफ्तार किया है।

Advertisement

आरोपियों से यह किया बरामद

पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से 24 हजार रुपये, 8 मोबाइल, 30 डेबिट कार्ड, 20 चैक बुक व 20 पासबुक बरामद की है। इनके खिलाफ इस तरह की ठगी की देशभर में 2243 शिकायत हैं, जिनमें 94 मुकदमे दर्ज हैं और 8.31 करोड़ रुपये ठगे जा चुके है।

आरोपियों ने फर्जी पते पर खुलवा रखे थे खाते

पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने फर्जी पते पर खाते खुलवा रखे थे। आगे यह अपने खाते अन्य लोगों को देते थे। जिनमें ठगी की राशि डाली जाती थी। इस तरह इन्हें इनका हिस्सा दिया जाता था।

Advertisement

Advertisement
Advertisement