लगेंगे 450 रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम, बचेगा 2 करोड़ लीटर पानी
रमेश सरोए/ हप्र
करनाल, 15 जून
शासन-प्रशासन भू-जल स्तर बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, बावजूद पानी का लेवल साल दर साल नीचे खिसक रहा है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के समक्ष पेयजल संकट गहराने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। आने वाले दिनों में लोगों को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े, इसे देखते हुए सरकार धरती के पानी बैंक को कंगाल होने से बचाने के लिए किसानों को समझाने में जुटी है साथ ही बरसाती पानी को ज्यादा से ज्यादा सहेजने के लिए जिला में 450 रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाने का निर्णय लिया हैं। जिन पर करीब 13.50 करोड़ रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान है। नए रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लग जाने से प्रति साल 2 करोड़ लीटर वर्षा जल सहेजा जा सकेगा।
कृषि विभाग के भूमि एवं जल संरक्षण अधिकारी डा. सुरेंद्र टामक ने बताया कि नये रेन वाटर हारवेस्टिंग तो लगाएं ही जाएंगे बल्कि पुराने खराब हो चुके सिस्टमों की मरम्मत भी की जाएगी। इसके लिए बजट एस्टीमेट बनाया जा रहा है। नये सिस्टम सरकारी संस्थानों के अलावा एनजीओ के संस्थानों में भी लगाए जांएगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल विभाग द्वारा 205 रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाए गए थे।
पानी बचाने वाले किसानों के खातों में पैसे भेजेगी सरकार
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग करनाल के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि प्रदेश सरकार उन किसानों के बैंक खातों में सीधे तौर पर हजारों रुपये देगी, जो सरकार के अनुसार खेती-किसानी करेंगे। अगर धान की सीधी बिजाई करता है तो उस किसान को प्रति एकड़ 4 हजार रुपए दिये जाएंगे। इसके अलावा जो किसान धान की बजाए मक्का, अरहर, उड़द, कपास, बाजरा, मूंग आदि की फसल लगाता है तो उसे प्रति एकड़ 7 हजार रुपए दिए जाएंगे। यही नहीं जो किसान खेत को खाली रखेगा, उसे भी 7 हजार रुपए दिये जाएंगे।