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एचएसएफ में 33 करोड़ का गबन, मुनीम समेत 3 पर मामला दर्ज

08:52 AM Jun 03, 2024 IST
एचएसएफ में 33 करोड़ का गबन  मुनीम समेत 3 पर मामला दर्ज
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सिरसा, 2 जून (हप्र)
डबवाली रोड स्थित मौर्ज एचएसएफ फूड प्रो-टेक में 33 करोड़ की धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर की शिकायत पर मुनीम सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपी मुनीम फर्म में पिछले 15 सालों से काम कर रहा है। सी-ब्लॉक सिरसा निवासी संजीव गुप्ता ने सिविल लाइन थाना पुलिस में दी शिकायत में बताया कि वह एचएसएफ फूड प्रो-टेक में बतौर डायरेक्टर है। उनकी फर्म राइस मिल की मशीनरी तैयार करती है। कारोबार के तहत अनेक फर्मों से लेन-देन होता है। फर्म में साकेत कुमार पिछले 15 वर्षों से बतौर मुनीम कार्यरत है। इस अवधि में उसने सबका विश्वास जीत लिया था। कंपनी का तमाम लेनदेन साकेत ही करता था। शिकायत में बताया कि साकेत कुमार कंपनी के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के खाते भी ऑपरेट करता था। ऑनलाइन पेमेंट करते समय आने वाले ओटीपी की जब भी वह मांग करता, विश्वास होने की वजह से उसे बता देते। शिकायत में बताया कि 23 मई 2024 को उन्होंने अपने मुनीम साकेत को दिल्ली की फर्म डायनामिक इंजीनियरिंग को 40 लाख रुपये के भुगतान के लिए कहा। साकेत ने उक्त राशि का भुगतान करने की एवज में उससे दो बार ओटीपी मांगा। जब उससे दो बार बैंक ओटीपी मांगने की वजह पूछी तो बताया कि 30 लाख रुपये डायनामिक इंजीनियरिंग और 10 लाख रुपये ओमस्टेबलस इंडिया को ट्रांसफर किए हैं। शिकायत में बताया कि जब ओम स्टेबलस इंडिया को बगैर कहे 10 लाख रुपये भुगतान करने के बारे में पूछा तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद उन्होंने अपने सीए के साथ मिलकर अपने बैंक खातों की पड़ताल की। जांच में सामने आया कि मुनीम साकेत कुमार ने जाली बैंक स्टेटमेंट (लेजर बुक) बना रखी थी और कंपनी को 33 करोड़ की चपत लगा रखी है। सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने शिकायत के आधार पर साकेत, प्रियंका पत्नी अभिषेक व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस प्रकार की धोखाधड़ी पुलिस को दी शिकायत में बताया कि मुनीम साकेत कुमार ने रुपयों का गबन करने के लिए बड़े शातिराना अंदाज अपनाया। वह बेनिफिशरी में कंपनी का नाम अंकित करता और अकाउंट नंबर अपना अथवा अपने परिवार के सदस्यों का भर देता। इस प्रकार पेमेंट कंपनी की बजाए उसके खाते में अथवा उसके परिवारिक सदस्यों के खाते में जमा हो जाती थी।

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