यौन उत्पीड़न के 18 साल पुराने मामलों की भी होगी जांच
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 20 दिसंबर
हरियाणा के स्कूलों में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के पुराने मामलों की भी अब जांच होगी। जींद के उचाना कलां के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल पर लगे यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए विधानसभा ने सर्वसम्मति ने हाउस की कमेटी बनाने का निर्णय लिया था। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बुधवार को कमेटी का गठन कर दिया। कमेटी की जांच का दायरा भी बढ़ाया गया है।
यह कमेटी डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल द्वारा एक-दूसरे पर लगाए गए आरोपों की जांच भी करेगी। मंगलवार को विधानसभा में स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में कमेटी बनाने का निर्णय लिया था। यहां बता दें कि शीतकालीन सत्र में तीनों ही दिन छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला गरमाया रहा। हालांकि पहले कमेटी केवल दुष्यंत चौटाला और गीता भुक्कल के आरोपों तथा उचाना कलां के प्रिंसिपल पर लगे आरोपों की जांच करने के लिए बनाई थी। अब इसके जांच दायरे में विस्तार कर दिया है। 2005 से लेकर 2023 तक के सभी मामलों की जांच होगी। स्पीकर ने निर्देश दिए कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान छात्राओं के यौन उत्पीड़न को लेकर जितने भी मामले सदन में उठे हैं, उन सभी की भी जांच की जाए। गौर हो कि उचाना प्रिंसिपल मामले में दुष्यंत चौटाला ने आरोप लगाया था कि 2005 और 2011 में भी प्रिंसिपल पर ऐसे आरोप लगे थे। कांग्रेस ने उसे बचाने का काम किया। उन्होंने पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल पर आरोप लगाए हैं कि दिसंबर-2012 में उनके झज्जर आवास पर प्रिंसिपल को बचाने के लिए पंचायत हुई। वहीं गीता भुक्कल स्पष्ट कर चुकी हैं कि 2005 में वे झज्जर से नहीं बल्कि कलायत से विधायक थी। उन्होंने यह भी कहा कि 2005 में आरोपी प्रिंसिपल सरकारी सेवाओं में था ही नहीं। 2008 में उसकी भर्ती हुई। ऐसे में 2005 में कैसे बचाया गया। पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जज से जांच करवाने का निर्णय हुआ था, लेकिन बाद में विधानसभा की कमेटी बनाने पर सहमति बनी।