कुलदीप सिंहमोहाली, 9 दिसंबर (निस)महंगाई के इस दौर में मध्यम वर्गीय परिवारों की थालियों से सीजनल सब्जियां भी गायब हो रही हैं। टमाटर 80 रुपए किलो है तो प्याज भी 60 रुपए से ऊपर बिक रहा है। गोभी जैसी सब्जी जो इस मौसम में 10 से 20 रुपए किलो होती थी, 60 से 80 रुपए किलो बिक रही है। मटर 100 रुपए किलो हो चुका है तो अदरक 100 रुपए से ऊपर है और लहसुन तो 400 रुपए किलो बिक रहा है। गरीब की बात छोड़ो, मध्यम वर्गीय परिवार भी सब्जी खरीदने दुकान पर पहुंचता है तो भाव पूछकर अचम्भित रह जाता है। यह तो सब्जियों की बात है, अब फलों की बात करते हैं। सेब का रेट 100 रुपए से 300 रुपए किलो तक है तो अनार 200 से 250 रुपए किलो बिक रहा है। किन्नू 100 रुपए किलो है और संतरा भी लगभग इसी भाव का है। अच्छी क्वालिटी का केला भी 90 रुपए दर्जन बिक रहा है। आम लोग तो इस महंगाई से परेशान हैं ही, दुकानदार भी परेशान हैं। एक दुकानदार का कहना है कि थोक का प्याज का रेट आज 51 रुपए रहा है। इसमें से छोटा प्याज भी निकलता है। इसलिए 60 रुपए से कम तो इसे बेचा ही नहीं जा सकता। आलू ताज़ा आ गया है पर इसका रेट भी 30 रुपए से कम नहीं है। विक्रेताओं का कहना है कि पंजाब में सब्जियों की पैदावार कम हो रही है क्योंकि जमीन तो कालोनियों में तबदील होती जा रही है। जब पैदावार कम होगी तो रेट बढ़ने तय हैं। दूसरी तरफ मंडी में सब्जी खरीदने आए लोगों का कहना है कि महंगाई ने उनकी कमर तोड़ कर रख दी है। पहले जितने पैसे में फल और सब्जी दोनों आ जाते थे, उतने में अब अकेली सब्जी भी नहीं आती। इसलिए कई परिवार फलों को बजट से बाहर कर चुके हैं।