हरियाणवी भाषा को विदेशों में भी बहुत पसंद किया जाता है : महावीर गुड्डू
नारनौल, 30 नवंबर (हप्र)
सामुदायिक रेडियो पर संगीत नाटक अकादमी द्वारा हरियाणवी संस्कृति के प्रोस्तोता एवं लोक कलाकार महावीर गुड्डू द्वारा हरियाणवी लोक कला एवं संस्कृति के विषय में वार्तालाप हेतु उपस्थित हुए। उन्होंने देश में ही नहीं, विदेशों तक हरियाणवी संस्कृति को पहचान दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण योगदान को बताते हुए कहा कि हरियाणवी भाषा को विदेशों में भी बहुत पसंद किया जाता है। महाबीर गुड्डू ने हरियाणवी संस्कृति को अपना योगदान दिए 51 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
लोक कलाकार महावीर गुड्डू ने एक सवाल के जवाब में बताया कि उन्होंने नार्वे अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में अपनी बहुत सी प्रस्तुतियां दी हैं, जिनकी का विश्व स्तर पर काफी प्रशंसा हुई है। साथ ही उन्होंने नाहर सिंह के इतिहास के बारे में बात कर युवाओं को उनके नक्शे कदम पर चलने के लिए प्रेरणा दी। उन्होंने युवाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक के रहने तथा और अपनी संस्कृति के अनुसार चलने के लिए भी कहा। श्रोताओं के लिए बम लहरी, और अपनी विशेष हरयाणवी शैली में अनेक रचनाएं सुनाई. उन्होंने जोर देकर महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की अपील की।
उन्होंने कहा कि वे 12 साल की उम्र में ही हरियाणवी रागनी गायन से लेकर हरियाणवी चुटकले व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल हो गए थे। एक समय आया कि 12 साल का यह बच्चा आज हरियाणा से बाहर हरियाणा की पहचान बन चुका है। महाबीर गुड्डू का नाम सुनते ही हरियाणा कल्चर की कल्पना जेहन में घूम जाती है। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि वर्तमान में हरियाणवी कल्चर में बहुत बड़ा बदलाव आया है। अच्छी बात यह हुई है कि एक समय था हमारे विवाह समारोहों में पंजाबी गाने बजते थे, लेकिन आज हरियाणवी गाने न केवल हरियाणा, बल्कि पंजाब और पूरे भारत में बजते हैं। हरियाणा को कल्चर के नाम से केवल एग्रीकल्चर के रूप में ही जाना जाता था, वहां पर अब कल्चर भी है, यह साबित कर दिया है। हरियाणवी संस्कृति ने विकास किया है पर विकसित होना अभी बाकी है। रंगमंच पर हरियाणा का नाम पूरे विश्व में छाएगा, तभी हम कलाकारों के अरमान पूरे होंगे।