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सोनीपत के गांव भुर्री, शहजादपुर में एनआईए की छापेमारी

04:45 AM Dec 21, 2024 IST

सोनीपत, 20 दिसंबर (हप्र)
लखनऊ से आई राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की दो टीमों ने शुक्रवार अलसुबह भुर्री और शहजादपुर गांव में छापेमारी की। सूत्रों का कहना है कि छापेमारी बेनामी संपत्ति और संदिग्ध लेनदेन की जांच को लेकर की गई है। गांव भुर्री में टीम ने योगेश व बिंदुराम के घर छापा मारा।

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जानकारी के अनुसार, योगेश व उसके छोटे भाई बिंदुराम गुरुग्राम में काम करते हैं और उनके पास करोड़ों की बेनामी संपत्ति होने की सूचना थी। वहीं गांव शहजादपुर में टीम ने हिमांशु के घर छापेमारी की गई। दोनों घरों के दरवाजे बंद कर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे, ताकि न कोई अंदर जा पाए और न ही बाहर जा सके।

हिमांशु के खातों में भी बड़े लेनदेन की सूचना थी। दोनों गांवों में टीमों ने दस्तावेज खंगालने के साथ ही परिवार के सदस्यों से पूछताछ भी की। चार घंटे की जांच के बाद टीमें दोनों घरों से कई दस्तावेज कब्जे में लेकर वापस चली गई।

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गैंग से तार जुड़े होने की आशंका
सूत्रों ने बताया कि एनआईए की यह छापेमारी उन गिरोह से जुड़े होने की आशंका में की गई है जो व्यापारियों से रंगदारी मांगने और अवैध तरीके से धन जमा करने में सक्रिय हैं। गैंग के सदस्य अपने करीबी लोगों के खातों में रंगदारी की राशि ट्रांसफर करवाते हैं। भुर्री गांव के योगेश व उसके छोटे भाई बिंदुराम व शहजादपुर गांव के हिमांशु के खातों में संदिग्ध लेनदेन होने की जानकारी एनआईए को मिली थी। इसलिए तीनों को गिरोह से जुड़े होने की आशंका में यह छापेमारी की गई। हांलाकि एनआईए टीम के अधिकारियों ने छापेमारी को लेकर कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया।

घर वाले बोले, उन्हें कोई जानकारी नहीं : योगेश व बिंदुराम के पिता प्रेम गांव के पूर्व सरपंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि छापेमारी के कारणों को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है। एनआईए की टीम ने भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी। टीम ने घर पर गहनता से जांच की और घर के सभी दस्तावेज खंगाले, लेकिन घर से कुछ संदिग्ध नहीं मिला। वहीं हिमांशु के परिजन ने भी इस संबंध में कुछ नहीं बताया।

एमए, बीएड हैं योगेश व बिंदुराम
परिवार से मिली जानकारी अनुसार योगेश व बिंदुराम एमए बीएड हैं। उन्होंने सोनीपत के हिंदू कालेज में पढ़ाई की। कालेज में भी वह छात्र संगठन से जुड़े रहे। इसके बाद वह मानेसर में नौकरी करने की बात कहकर करीब तीन साल पहले घर से चले गए थे। योगेश के पिता प्रेम के अनुसार उनका बेटा योगेश डेढ़ साल से घर नहीं आया है। बिंदुराम भी एक दो बार घर आया वह भी एक दिन रुककर अगले दिन चला जाता था। उन्हें इस बारे में भी जानकारी नहीं है कि वह किस कंपनी में काम करते थे।

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