सुक्खू ने दी अपने मंत्रियों और विधायकों को क्लीन चिट
शिमला, 19 दिसंबर(हप्र)
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने मंत्रियों और विधायकों को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर क्लीन चिट दी है। मुख्यमंत्री ने आज विधानसभा में विपक्ष द्वारा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर दो दिनों तक हुई चर्चा के जवाब में कहा कि कांग्रेस के एक भी विधायक अथवा मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। उन्होंने भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए एक्ट बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी, पारदर्शिता और नैतिकता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने जवाब के बीच ही पहले सदन में हंगामा किया और फिर पूरे विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने स्पष्टवादिता से फैसले लिए हैं और आगे भी सरकार इसी तरह फैसले लेगी। उन्होंने कहा कि जहां प्रदेश का हित नहीं होगा, वहां सरकार कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों से कहा कि सदन में ठेकेदारों की लड़ाई लड़ना ठीक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में सारा भूमाफिया भाजपा का है। उन्होंने कहा कि सरकार न तो प्रदेश की संपदा को लूटने देगी और न ही लुटाने देगी। जहां भी हमें भ्रष्टाचार के सबूत मिलेंगे, हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।
सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले दिन से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया है। उन्होंने नादौन में 80 कनाल जमीन बेचे जाने संबंधी विवाद पर कहा कि यह जमीन भाजपा कार्यकर्ताओं की है और पार्टी की अंतर्कलह के कारण भाजपा उन्हें फंसाना चाह रही है। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर कांग्रेस सरकार को समय-समय पर षड्यंत्र रचकर अस्थिर करने का आरोप लगाया। सुक्खू ने कहा कि भाजपा की जिस वाशिंग मशीन में धुलकर सभी भ्रष्टाचारी आरोपमुक्त हो जाते हैं, वह भी उसी मशीन को खरीद रहे हैं। उन्होंने भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन का भी जिक्र किया और कहा कि भाजपा ने अपने पूर्व के आरोप पत्र में उन पर राज्य सहकारी बैंक में गड़बड़ियों का आरोप लगाया था और आज वही हर्ष महाजन भाजपा की वाशिंग मशीन में धुलकर बेदाग हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने भाजपा के कच्चे चिट्ठे को उसकी आंतरिक कलह का सबसे बड़ा सबूत करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह कच्चा चिट्ठा वास्तव में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने जयराम ठाकुर को सलाह दी कि वह अपनी कुर्सी संभालें, हमारी कुर्सी तो पहले ही पक्की हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में जब आबकारी नीति और शराब के ठेकों की नीलामी से एक ही साल में 600 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का जिक्र किया तो पूरा विपक्ष पहले अपनी सीटों पर खड़ा होकर हंगामा करने लगा और कुछ ही देर की नारेबाजी तथा शोरगुल के बाद पूरा विपक्ष नारे लगाते हुए सदन से बाहर चला गया।
सरकार ने खाली पदों को समाप्त किया:जयराम
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को घेरा। स्थगन प्रस्ताव पर सदन में जारी चर्चा में भाग लेते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य निदेशक के पद पर एक ऐसे अधिकारी की तैनाती कर दी है जिनका नाम ऑफिसर ऑफ डाउटफुल इंटीग्रिटी (ओडीआई) सूची में शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि यह अधिकारी स्वास्थ्य निदेशक के पद पर क्यों तैनात किया गया है। ठाकुर ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खिलाफ काफी गंभीर आरोप लगाए, पीएमओ के पत्र का हवाला दिया गया। कहा कि उक्त अधिकारी को भाजपा सरकार में पद से हटाया गया, लेकिन वही अधिकारी अब मौजूदा सरकार का संचालन कर रहा है। उन्हें दो साल की एक्सटेंशन दी गई है। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कर्मचारियों और पेंशनरों को क्रमश: वेतन व पेंशन के भुगतान की दिक्कत हो रही है। सरकार कर्ज लेने की सीमा लगातार बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में चालू वित्त वर्ष के अंत तक हिमाचल एक लाख करोड़ के कर्ज के बोझ तले दबा होगा। यह रिकॉर्ड मुख्यमंत्री के नाम लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने खाली पदों को समाप्त कर दिया है। इसी तरह कई जनविरोधी फैसले लिए गए। जयराम ठाकुर ने स्मार्ट क्लास प्रोजेक्ट में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।