साधारण व्यक्ति, बड़ी सलाह
लाल बहादुर शास्त्री जी प्रधानमंत्री होने के बावजूद अत्यंत सादगी से रहते थे। वे प्रायः महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते वक्त अपने सहयोगियों अथवा नौकर या माली से पूछ बैठते। लोगों को शास्त्री जी का यह व्यवहार बड़ा ही अजीब लगता था। एक दिन उनके एक मित्र ने उनसे पूछ ही लिया, ‘शास्त्री जी!’ आपका यह व्यवहार आज तक हमारी समझ में नहीं आया। कहां राजनीति की पेचीदा बातें और कहां नौकर या माली की राय? तब शास्त्री जी मुस्कुरा कर बोले, ‘आपके इस प्रश्न का जवाब मैं एक सच्ची घटना सुनाकर देना चाहता हूं। गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज करने वाले न्यूटन की बिल्ली ने बच्चे दिए। रात को जब घर के सभी दरवाजे बंद हो जाते तो बिल्ली और उसके बच्चे बाहर निकलने के लिए उत्पात मचाते। तब न्यूटन ने बिल्ली और उसके बच्चे बाहर निकलने के लिए दरवाजे में दो छेद एक छोटा और एक बड़ा छेद बनाने के लिए अपने नौकर से कहा। तब न्यूटन के नौकर ने सुझाया कि एक बड़ा ही छेद काफी है क्योंकि जिस छेद से बिल्ली गुजरेगी उसी छेद से बिल्ली के बच्चे और भी आसानी से निकल जाएंगे। यह सुनकर न्यूटन हैरान रह गए कि इतनी मामूली-सी बात उन्हें क्यों नहीं सूझी?’ घटना सुनाकर शास्त्री जी ने कहा कभी-कभी छोटे व्यक्ति की सलाह भी बड़े काम की साबित हो जाती है।
प्रस्तुति : सतपाल