India Shiv Temple : भारत में भोलेनाथ के सबसे अनोखे मंदिर, दर्शन मात्र से पूरी होती है हर मुराद
चंडीगढ़, 19 फरवरी (ट्रिन्यू)
भारत ना सिर्फ अपनी संस्कृति बल्कि प्राचीन मंदिरों के लिए भी दुनियाभर में मशहूर है, खासकर शिव मंदिरों के लिए। हालांकि, भोलनाथ के भक्त सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बसे हुए हैं, जो भारत में उनके दर्शन करने के लिए आते हैं।
आज हम आपको भारत में स्थित भोलेनाथ के कुछ ऐसे ही प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताएंगे। ये मंदिर न केवल पूजा स्थल के रूप में काम करते हैं बल्कि इनका ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व भी है।
तुंगनाथ मंदिर
सबसे पहले बात करते हैं उत्तराखंड में स्थित तुंगनाथ मंदिर की, जिसे दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर होने का गौरव प्राप्त है। यह मंदिर हिमालय में 3600 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है।
बृहदेश्वर मंदिर, तमिलनाडु
बृहदेश्वर मंदिर अपने विशाल गोपुरम के लिए प्रसिद्ध है। बृहदीश्वर या राजराजेश्वरम् मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में 11वीं सदी के आरंभ में बनाया गया था। इसे पेरुवुटैयार कोविल भी कहते हैं। यह मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट निर्मित है।
मुरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक
भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा से घिरा, मुरुदेश्वर मंदिर अरब सागर को देखता है। मंदिर की उत्पत्ति और आस-पास खोजी गई पानी के नीचे की संरचनाओं के बारे में किंवदंतियां इसके रहस्यमय आकर्षण में योगदान करती हैं।
चिदंबरम मंदिर, तमिलनाडु
चिदंबरम मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला और आकाश लिंगम की उपस्थिति के लिए प्रसिद्ध है, जो भगवान शिव को निराकार स्थान के रूप में दर्शाता है।
केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड
केदारनाथ मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं में बहुत महत्व रखता है। इसका दूरस्थ स्थान और यह तथ्य कि भारी बर्फबारी के कारण लगभग आधे साल तक यह दुर्गम रहता है। इसकी रहस्यमय आभा को और बढ़ाता है।
अमरनाथ, जम्मू और कश्मीर
हिमालय में 3,800 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित, अमरनाथ गुफा मंदिर रहस्य में डूबा हुआ है। गुफा में एक बर्फ का स्तंभ है, जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है।
कैलाशनाथ मंदिर, एलोरा
एलोरा में एक ही चट्टान को तराश कर बनाया गया कैलाशनाथ मंदिर एक वास्तुशिल्प चमत्कार है। इसे रहस्यमयी बनाने वाली बात है इसका विशाल आकार और निर्माण की जटिलता, कुछ अनुमानों के अनुसार इसे पूरा होने में सौ साल से ज्यादा का समय लगा।