रोहतक, 5 दिसंबर (हप्र)अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण अनेक राइस मिल हरियाणा व पंजाब में बंद हो चुकी हैं। हरियाणा व पंजाब में राईस मील बंद होने से व्यापार व उद्योगों पर बुरा असर पड़ा है, जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ी है। सरकार को राइस उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 100 किलो धान के बदले 62 किलो चावल राइस मिलरों से लेना चाहिए। उन्होंने दावा कया कि केंद्र सरकार ने जांच टीम हरियाणा के अनेक जिलों में भेजकर धान में कितना चावल निकलता है उसकी जांच करवाई थी। जांच के मुताबिक 100 किलो धान में 62 किलो चावल निकलता है तो सरकार को राइस मिलरों से 67.5 किलो चावल लेने की बजाय 62 किलो चावल लेना चाहिए। गर्ग ने कहा कि जांच में धान का चावल में लगभग 42 प्रतिशत नाका टूटा हुआ निकला है जबकि सरकार 25 प्रतिशत टूटा नाका मांगती है। सरकार को कम से कम 35 प्रतिशत टूटा नाके की छूट देनी चाहिए। बजरंग गर्ग ने कहा कि 100 किलो धान की मिलिंग की सरकार राइस मिलरों को केंद्र सरकार 10 रुपए व हरियाणा सरकार 5 रुपए से 15 रुपए तक बोनस देती है जबकि 100 किलो धान में चावल निकालने का खर्चा लगभग 120 रुपए आता है। केंद्र व प्रदेश सरकार को 100 किलो धान में चावल निकालने की मिलिंग 120 रुपए देनी चाहिए। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण राइस उद्योग लगातार नुकसान में चल रहा है।