शिक्षा क्षेत्र में युवाओं के लिए अपार संभावनाएं : मोदी
नयी दिल्ली, 7 सितंबर (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत के शिक्षक दुनिया के हर कोने में अपनी छाप छोड़ते हैं, लिहाजा शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय युवाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं और इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षण-अध्ययन प्रक्रिया को लगातार पुन:परिभाषित और पुनर्रचना करते रहने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने ‘शिक्षक पर्व’ के पहले सम्मेलन के दौरान कई तकनीकों और पहल की डिजिटल माध्यम से शुरुआत करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही और विश्वास जताया कि ये योजनाएं भविष्य के भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
इस अवसर पर उन्होंने दृश्य-श्रव्य बाधित लोगों के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा कोष और ऑडियो पुस्तक का विमोचन भी किया। उन्होंने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की स्कूल गुणवत्ता आश्वासन और आकलन रूपरेखा भी जारी की और साथ ही निपुण भारत के लिए निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा विद्यांजलि पोर्टल भी शुरू किए। यह पोर्टल शिक्षा क्षेत्र के स्वयंसेवकों, दानदाताओं और कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व – सीएसआर योगदान करने वालों की सुविधा बढा़एगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ‘भविष्य की नीति’ बताया और इसे नये स्तर तक ले जाने के लिए जनभागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ नीति ही नहीं, बल्कि सहभागिता आधारित है और इसके निर्माण से लेकर इसके क्रियान्वयन के हर स्तर पर देश के शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।