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वृद्ध भिखारी ने खुद बनाया अपना रैनबसेरा

05:09 AM Jan 09, 2025 IST
पिहोवा में कड़ाके की ठंड से बचने के लिए सरस्वती नदी के पुल पर भिखारी द्वारा बनाया रैनबसेरा। -निस

सुभाष पौलस्त्य/निस
पिहोवा, 8 जनवरी
कड़ाके की ठंड में बेसहारा, बेघर और जरूरतमंद लोगों के लिए रात गुजारने के लिए प्रशासन ने आज तक सरस्वती के निकट कोई रैन बसेरा नहीं बनाया। सरस्वती तीर्थ के आसपास बड़ी संख्या में भिखारी रहते हैं, वे अपनी रात खुले आसमान के नीचे गुजारते हैं। प्रशासन की नाक के नीचे ही ये लोग खुले में रात बिताने को मजबूर हैं। इन असहाय गरीबों की ओर आज तक किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। सर्दी से बचाव के लिए एक गरीब वृद्ध ने सरस्वती के ऊपर बने पुल पर ही फटे एक बैनर को छत के रूप में प्रयोग कर लिया तथा इसे अपना रैनबसेरा बना लिया। इस रैनबसेरे के पास भयंकर सर्दी में आवारा कुत्ते, बिल्ली भी रात गुजार लेते हैं। इसी के पास ही दूसरा कोई वृद्ध भी रात गुजार लेता है। सर्दी से बचाव के लिए उसके पास और कोई साधन नहीं। अलाव जलाने के लिए इधर-उधर से लकड़ियां बीनकर अपने पास इकट्ठी कर ली। उल्लेखनीय है कि आज तक पिहोवा में प्रशासन ने कभी रैनबसेरा ही नहीं बनाया। हर साल सर्दियों में 2 धर्मशालाओं में प्रशासन रैनबसेरा के बोर्ड लटका देता है। जिसका पता धर्मशाला वालों को भी नहीं होता। हिंदुस्तान शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष जागीर मोर, प्रधान रोशन लाल शर्मा ने इस बारे में कहा कि सरकार सरस्वती के नाम पर करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने का खोखला दावा करती है। परंतु आज तक सरस्वती के दूसरे छोर पर कुरुक्षेत्र ब्रह्मा सरोवर की तर्ज पर कोई छोटे-छोटे कमरे न बना सकी ताकि वहां पर सर्दियों में कोई रात गुजार सके।

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