लोकसभा में 57.87%, राज्यसभा में 40.03% ही हुआ कामकाज
नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (एजेंसी)
कई मुद्दों को लेकर भारी हंगामे के नाम रहा संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया। निचले सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों को चेतावनी दी कि संसद भवन के किसी द्वार या परिसर के भीतर धरना-प्रदर्शन न करें। यदि ऐसा करते हैं तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
कई मुद्दों पर गतिरोध के बीच लोकसभा में कामकाज की उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सदन में 40.03 प्रतिशत ही कामकाज हो सका। गत 25 नवंबर को शुरू हुए सत्र के अंतिम दिन भी हंगामा हुआ। संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी को लेकर विपक्षी दलों ने नारेबाजी की। कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के कई अन्य घटक दलों के नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से माफी और इस्तीफे की मांग करते हुए विजय चौक से संसद भवन तक मार्च भी किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस सत्र के दौरान जो कुछ किया, वो फासीवाद का उदाहरण है। मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि संसद परिसर में ‘धक्का-मुक्की’ की घटना की सीसीटीवी फुटेज जारी की जाये और उसकी ओर से पुलिस में की गयी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाए। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर राजनीतिक प्रदर्शनों के दौरान शारीरिक बल का सहारा लेने का आरोप लगाया।
असंसदीय कृत्य (संपादकीय पेज 4)