रचनात्मकता का प्रतिफल
04:00 AM Jan 01, 2025 IST
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एक कलाकार माटी, जल, फूलों के रस और रंग को मिलाकर कुछ प्रयोग कर रहा था। इनसे वह एक कलाकृति का सृजन कर रहा था। आते-जाते लोग पूछ बैठे, ‘कहो कलाकार, कितना कमा लेते हो?’ जवाब में कलाकार ने एक खूबसूरत बात कही कि, ‘भिखारी को तुरंत पैसा चाहिए, मजदूर को दिन के अंत में पैसा चाहिए, नौकर को महीने के अंत में पैसा चाहिए। व्यापारी अपने साल भर का हिसाब बनाता है, कितना लगाया, कितना कमाया। लेकिन सबसे सार्थक वह व्यक्ति है जो मेरे जैसा कलाकार है। जो रचनात्मक है, जो कुछ पैदा करता है या बनाता है। यानी वह व्यक्ति जो एक विचार को रखता है। यह विशुद्ध और वास्तविक विचार न सिर्फ उसे कालांतर में धन-संपत्ति से परिपूर्ण कर देता है बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों के लिए रोजगार की संभावनाएं भी पैदा कर देता है।’
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प्रस्तुति : पूनम पांडे
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