रक्तविहीन क्रांति के पुरोधा थे चौधरी छोटूराम : बीरेंद्र सिंह
रोहतक, 9 जनवरी (हप्र) : चौधरी छोटूराम ने किसानों-मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ते हुए हमेशा उन्हें शिक्षा को विकास का माध्यम मानते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया था। वह एक ऐसी रक्तविहीन क्रांति के पुरोधा थे जिन्होंने समाज में शिक्षा और विकास की नई चेतना पैदा की। ये विचार पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने व्यक्त किए। वह बृहस्पतिवार को चौधरी सर छोटूराम की 80वीं पुण्यतिथि पर जाट स्कूल स्थित उनके समाधि स्थल पर आयोजित हवन यज्ञ के बाद उपस्थितजन को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व यहां पहुंचने पर संस्था के प्रधान गुलाब सिंह दिमाना, उपप्रधान धर्मराज, महासचिव एडवोकेट नवदीप (मोनू) ने बीरेंद्र सिंह और महम से विधायक बलराम दांगी का स्वागत किया। इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे सर छोटूराम के चाहने वालों ने भी हवन यज्ञ में आहुति देकर उन्हें याद किया।
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि चौधरी छोटूराम अल्पायु से ही समाज की चिंता करते थे और हमेशा हर वर्ग को जोड़ने तथा उनके विकास की बात करते थे। वे सभी धर्मों के लोगों को एक साथ लेकर चलने वाली शख्सियत थे। उन्होंने कहा कि छोटूराम जैसे महापुरुष, जो समाज में चेतना लाने के लिए एक रक्तविहीन क्रांति के सूत्रधार थे, को आज हर वर्ग, हर धर्म के लोग बड़ी श्रद्धा से पूजते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि छोटूराम मेमोरियल लेक्चर करवाए जाएं और खेती-बाड़ी या अन्य किसी क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले लोगों को छोटूराम के नाम पर सम्मानित किया जाए।
जाट संस्था के प्रधान गुलाब सिंह दिमाना ने कहा कि चौधरी छोटूराम अपनी बात को निडरता के साथ कहते थे। देश का कमेरा वर्ग हमेशा उनके साथ रहता था। उन्होंने जाट स्कूल में स्थित चौधरी छोटूराम के समाधि स्थल का 15 लाख रुपए से जीर्णोद्वार करवाने की घोषणा भी की। इस मौके पर सर छोटूराम के अनुयायी व जाट शिक्षण संस्थानों के शिक्षक, गैर शिक्षक कर्मचारी और विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।