महिलाओं पर भाजपा मेहरबान, प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र से कम से कम एक टिकट देने की तैयारी
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 29 अगस्त
राजनीति में महिलाओं को आरक्षण देने की वकालत तो सभी राजनीतिक दल कर रहे हैं। लेकिन जब टिकटों की बारी आती है तो महिलाओं के मामले में हर पार्टी कंजूसी बरतती है। हालिया लोकसभा चुनावों को ही देखें तो दोनों प्रमुख पार्टियों – भाजपा व कांग्रेस ने एक-एक महिला को ही टिकट दिया था। प्रदेश में लोकसभा की दस सीटों में से इस बार केवल ही एक महिला सांसद चुनकर लोकसभा पहुंची है। प्रदेश में विधानसभा की नब्बे सीटें हैं। केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा व विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का फैसला कर चुकी है। पूर्व की यूपीए सरकार के समय कांग्रेस यह विधेयक लेकर आई थी। हालांकि मोदी सरकार द्वारा पास किया गया बिल देश में 2029 के चुनावों से लागू होगा। इस विधेयक के बाद मौजूदा विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद थी।
जिस तरह से राजनीतिक पार्टियों के बीच टिकट आवंटन को लेकर भागदौड़ चल रही है। उसे देखते हुए लगता नहीं कि इस बार पंद्रह प्रतिशत महिलाओं को भी टिकट मिल सकेगा। सत्तारूढ़ भाजपा इस कोशिश में है कि हर पार्लियामेंट क्षेत्र में कम से कम एक महिला को टिकट दिया जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों का चयन भी किया जा रहा है। भाजपा टिकट के लिए तीन दर्जन से अधिक महिलाएं दौड़ में हैं। इनमें से 12 से अधिक महिलाएं तो ऐसी हैं, जिन्हें मजबूत उम्मीदवार माना जा सकता है। अंबाला पार्लियामेंट में चार महिलाएं टिकट के लिए भागदौड़ कर रही हैं। यहां से लोकसभा चुनाव लड़ चुकी बंतो कटारिया मुलाना से विधानसभा चुनाव लड़ता चाहती हैं। यहां से 2014 में विधायक रहीं संतोष सारवान भी टिकट मांग रही हैं। 2014 में कालका से विधायक रहीं लतिका शर्मा का इस बार भी मजबूत दावा बना हुआ है। वरिष्ठ नेत्री रंजीता मेहता पंचकूला से भाजपा टिकट मांग रही हैं। सूत्रों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी व अंबाला नगर निगम की मेयर शक्ति रानी शर्मा के नाम पर भी भाजपा में मंथन चल रहा है। भाजपा शक्ति रानी शर्मा को अंबाला सिटी से विधानसभा चुनाव लड़वाने के मूड में है। यहां से परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल भाजपा के सिटिंग विधायक हैं। कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पिहोवा हलके से फिल्म अभिनेत्री माही गिल का नाम भाजपा गलियारों में लिया जा रहा है। पिहोवा विधायक संदीप सिंह राज्य की मनोहर सरकार में खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री रह चुके हैं। इस बार उन्हें टिकट मिलने की संभावना नहीं है। कुरुक्षेत्र के अंतर्गत ही आने वाली कलायत सीट पर वर्तमान में कमलेश ढांडा विधायक हैं। वे मनोहर सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री रह चुकी हैं। सूत्रों का कहना है कि कमलेश ढांडा को टिकट मिलने की भी उम्मीद काफी कम हैं। इसी तरह करनाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत करनाल सीट के लिए करनाल नगर निगम की मेयर रेणु बाला गुप्ता का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है। केंद्रीय बिजली मंत्री व पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर दो बार करनाल से विधायक रहे हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करनाल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। नायब सिंह सैनी के फिर से यहां चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है। सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान में गन्नौर हलके से भाजपा की निर्मल रानी विधायक हैं। उनकी टिकट पर भी तलवार लटकी है। सोनीपत सीट से पूर्व मंत्री कविता जैन का नाम महिला कोटे की वजह से ही सबसे ऊपर है।
रोहतक पार्लियामेंट में भी महिला कोटे को पूरा करने के लिए भाजपा मंथन कर रही है। महम से चुनाव लड़ते रहे शमशेर सिंह खरकड़ा की पत्नी राधा का नाम इस बार चर्चा में है। बहादुरगढ़ से नीना राठी भी टिकट की मांग कर रही हैं। वहीं बेरी हलके से नीलम अहलावत टिकट के लिए लाइन में लगी हैं। झज्जर शहर से पूर्व मंत्री कांता देवी भी टिकट की मांग कर रही हैं।
2019 में इन्होंने जीता था चुनाव
पिछले विधानसभा चुनावों में कुल नौ महिलाएं चुनकर विधानसभा पहुंची थीं। इनमें सबसे अधिक कांग्रेस से पांच, भाजपा से तीन और जजपा से एक महिला ने चुनाव जीता था। कलायत से कमलेश ढांडा, बड़खल से सीमा त्रिखा और गन्नौर से निर्मल रानी ने भाजपा टिकट पर चुनाव जीता। वहीं कांग्रेस टिकट पर नारायणगढ़ से शैली चौधरी, सढ़ौरा से निर्मल रानी, झज्जर से गीता भुक्कल, कलानौर से शकुंतला खटक और तोशाम से किरण चौधरी ने चुनाव जीता था। किरण चौधरी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुकी हैं।
अहीरवाल में कई नाम
दक्षिण हरियाणा के अंतर्गत आने वाले गुरुग्राम व भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से कई महिला नेत्रियां टिकट का दावा कर रही हैं। पूर्व मंत्री किरण चौधरी की बेटी व पूर्व सांसद श्रुति चौधरी का तोशाम से चुनाव लड़ना लगभग तय है। 2019 में भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ चुकी पहलवान बबीता फौगाट की टिकट इस पर संकट में है। वहीं अटेली से पूर्व विधायक संतोष यादव टिकट के लिए दावा ठोक चुकी हैं। गुरुग्राम के अंतर्गत आने वाले कोसली हलके से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव का चुनावी रण में आना तय है।
सावित्री फिर आएंगी रण में !
पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल का फिर से चुनावी मैदान में आना तय माना जा रहा है। कुरुक्षेत्र सांसद नवीन जिंदल की माता सावित्री जिंदल लगातार दो बार कांग्रेस टिकट पर विधायक रही हैं। वे हुड्डा सरकार में मंत्री भी रही हैं। हिसार के मौजूदा विधायक व स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता के खिलाफ एंटी इन्कमबेंसी होने की वजह से उनकी जगह सावित्री जिंदल को चुनाव लड़वाया जा सकता है। 2019 में भाजपा टिकट पर उकलाना से चुनाव लड़ चुकी आशा खेदड़ का नाम इस बार भी चर्चाओं में है।
सीमा त्रिखा की सीट सुरक्षित!
भाजपा के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि बड़खल विधायक सीमा त्रिखा को इस बार भी टिकट मिल सकती है। महिला कोटे से होने की वजह से उनका नाम सबसे ऊपर है। वे लगातार दो बार बड़खल से विधायक बनी हैं। वर्तमान में सीमा त्रिखा राज्य की नायब सरकार में शिक्षा मंत्री हैं। माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी सीमा त्रिखा की टिकट के लिए वकालत करेंगे। केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी सीमा के हक में बताए जाते हैं।
सुनीता पूरा करेंगी कोटा !
सिरसा पार्लियामेंट में महिला कोटे को पूरा करने का काम पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल कर सकती हैं। केंद्रीय नेतृत्व में भी सुनीता दुग्गल की अच्छी पैठ मानी जाती है। सूत्रों का कहना है कि उन्हें रतिया से विधानसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है। वर्तमान में यहां से भाजपा के लक्ष्मण नापा विधायक हैं। इस बार नापा की टिकट पर तलवार लटकी है। सिरसा पार्लियामेंट के अंतर्गत आने वाले अन्य किसी भी हलके में भाजपा के पास मजबूत महिला चेहरा नहीं दिखता।