बर्खास्त डीएसपी गुरशेर संधू की जमानत याचिका रद्द
04:57 AM Jan 16, 2025 IST
मोहाली,15 जनवरी (हप्र )बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह संधू के खिलाफ स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले की सुनवाई बुधवार को जिला अदालत में हुई। संधू ने अपने वकील के माध्यम से अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) बलजिंदर सिंह सरा की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। अदालत ने संधू की जमानत याचिका को रद्द कर दिया है। संधू के वकील ने अदालत में दलील दी की संधू पर गलत एफआईआर दर्ज की गई है। उसके साथ 7 अधिकारी भी दोषी पाए गए थे लेकिन अकेले उस पर मामला दर्ज किया गया है जबकि बाकी अधिकारियों को निलंबित किया गया है। अदालत ने दलील सुनने के बाद कहा कि मामला बेहद गंभीर है और पुलिस को आगे की पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की जरूरत है। ऐसे में उसे जमानत देना ठीक नहीं। अदालत ने उसकी जमानत याचिका को रद्द कर दिया। मामला दर्ज होने के बाद से गुरशेर सिंह संधू फरार है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि गुरशेर संधू एक आईपीएस अधिकारी के आधिकारिक आवास पर सुरक्षित रूप से रह रहा है।
मोहाली,15 जनवरी (हप्र )बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह संधू के खिलाफ स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले की सुनवाई बुधवार को जिला अदालत में हुई। संधू ने अपने वकील के माध्यम से अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) बलजिंदर सिंह सरा की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। अदालत ने संधू की जमानत याचिका को रद्द कर दिया है। संधू के वकील ने अदालत में दलील दी की संधू पर गलत एफआईआर दर्ज की गई है। उसके साथ 7 अधिकारी भी दोषी पाए गए थे लेकिन अकेले उस पर मामला दर्ज किया गया है जबकि बाकी अधिकारियों को निलंबित किया गया है। अदालत ने दलील सुनने के बाद कहा कि मामला बेहद गंभीर है और पुलिस को आगे की पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की जरूरत है। ऐसे में उसे जमानत देना ठीक नहीं। अदालत ने उसकी जमानत याचिका को रद्द कर दिया। मामला दर्ज होने के बाद से गुरशेर सिंह संधू फरार है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि गुरशेर संधू एक आईपीएस अधिकारी के आधिकारिक आवास पर सुरक्षित रूप से रह रहा है।
Advertisement
बर्खास्त डीएसपी ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका मुख्य रूप से इस आधार पर दायर की थी कि मोहाली के स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर गलत थी। बलजिंदर सिंह उर्फ टाहला की शिकायत की जांच मोहाली के तत्कालीन एसएसपी संदीप गर्ग ने की थी, जिन्होंने शिकायत को झूठा पाया था।
अर्जी में दूसरी दलील यह दी गई थी कि लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू को लेकर उठे विवाद में उसे बलि का बकरा बनाया गया है। स्पेशल डीजीपी प्रबोध कुमार द्वारा की गई जांच में कुल सात पुलिस अधिकारी दोषी पाए गए थे। इन सभी को निलंबित कर दिया गया, लेकिन केवल उन्हें सुनवाई का मौका दिए बिना बर्खास्त कर दिया गया। बताया जा रहा है कि विजिलेंस ब्यूरो (वीबी) उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में एक और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में है।
Advertisement
Advertisement