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बचपन को पुरानी जड़ों से जोड़ने की कवायद

06:13 AM Dec 30, 2024 IST

जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 28 दिसंबर :  हरियाणा सरकार ने बालवाटिका से लेकर पांचवीं तक के छात्रों को बचपन से ही पुरानी जड़ों से जोड़ने की कवायद शुरू की है। ऐसे में आगामी 1 जनवरी से होने वाली सर्दी की छुट्टियों में इस श्रेणी के बच्चों को होम वर्क के रूप में मात्र किताबी ज्ञान ही नहीं मिलेगा बल्कि घर के बड़ों द्वारा अच्छे संस्कारों, परंपराओं, रीति रिवाजों को जानने का भी अवसर मिलेगा। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से बनाए गए व्यापक कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चे को हर समय मोबाइल तथा टेलीविजन से दूर रखना और परिवार के वरिष्ठ सदस्यों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास करवाना भी है जिसे वे कहीं न कहीं भूल चुके हैं।
दरअसल, इस शीतकालीन अवकाश में देश के भावी कर्णधारों को शिक्षा के साथ जीवन में सफल होने और अच्छे इंसान बनने के सुअवसर प्रदान करने का कार्यक्रम बनाया गया है। इसी के चलते छुट्टियों में पहले की तर्ज पर लेखन तथा रटने की प्रकृति की अपेक्षा अनुभव आधारित शिक्षा पर बल दिया गया है। यह होमवर्क परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर किया जाना है। इसमें नाना-नानी, दादा-दादी एवं बड़े सदस्य मेंटर की भूमिका में होंगे तथा अपने अनुभवों के साथ नई पीढ़ी को संस्कार, मार्गदर्शन, दक्षता, कौशल, व्यवहार कुशलता प्रदान करेंगे। इससे जहां विद्यार्थी को पढ़ने लिखने, गणना जैसे कौशल देंगे वहीं उन्हें आकलन, अनुमान लगाना, विश्लेषण, एकीकरण, पृथक्करण, कहानी कहना, प्रस्ताव बनाना, देखना और समझना, सम्प्रेषण एवं वार्तालाप, व्यवहार गणित, भ्रमण प्रस्तुतिकरण सिखायेंगे। यह विद्यार्थी के शब्दकोष का विस्तार करेगा जिसमें वे अपनी मातृभाषा में गीत, लोकगीत, पहेलियां, कहानियां, वृतांत, किस्से तथा विचार, रिवाज, परिवार के सदस्यों की पिछली पीढ़ियों की जानकारी, परंपराआें, भोजन एवं व्यंजनों आदि का ज्ञान ले सकेंगे। इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि इन गतिविधियों पर कोई पैसा खर्च न हो। सभी गतिविधियों को शीतकालीन मौसम एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है ताकि सर्दियों की छुट्टियों के दौरान विद्यार्थियों को व्यस्त रखा जा सके ।
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अभिभावकों को मिली ये जिम्मेदारी

शाम 8 बजे टीवी बंद कर दें। बच्चे की स्कूल डायरी देखने के लिए 30 से 40 मिनट का समय दें, कमजोर विषयों पर ध्यान दें, सुबह जल्दी उठने की आदत डालें, बच्चों को सोने के समय शिक्षाप्रद कहानी सुनाएं, प्लास्टिक का प्रयोग न करने के बारे बताएं, रविवार को बच्चों के मनपसंद की खाद्य वस्तुएं बनाएं, बच्चे को मोबाइल से दूर रखें, घर के काम में बच्चों की सहायता लें।
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हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद बालवाटिका से पांचवीं कक्षा के छात्रों के होमवर्क के लिए व्यापक कार्यक्रम तैयार किया गया है जिसे परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर पूरा करना होगा। शिक्षक पीटीएम में सभी अभिभावकों से इसे साझा कर चुके हैं। साथ ही कलस्टर मुखियाओं की जिम्मेदारी भी लगाई गई है। अपनी महान और पुरानी परंपराओं की जानकारी देने का इससे बढ़िया तरीका नहीं हो सकता। -सुधीर कालड़ा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी अम्बाला।

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