प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर 230 करोड़ का जुर्माना बकाया
हरियाणा में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर 230 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना बकाया है। सरकार व हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की इस कोताही पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कड़ा नोटिस लिया है। एनजीटी की ओर से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी करके दागी कंपनियों के खिलाफ बरती गई ढिलाई पर नाराजगी जताई है। एनजीटी ने पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले समाजसेवी वरुण गुलाटी की शिकायत पर यह नोटिस लिया है।
वरुण गुलाटी ने आरटीआई के जरिये पता लगाया तो उन्हें पता लगा कि राज्य की औद्योगिक इकाइयों पर 230 करोड़ रुपये के लगभग जुर्माना बकाया है। इसे वसूल करने के गंभीरता से प्रयास भी नहीं किए गए। सरकार की ओर से भी इस पर ध्यान नहीं दिया। प्रदूषण फैलाने वाली सबसे अधिक कंपनियां गुरुग्राम में हैं और यहां से ही सबसे अधिक जुर्माना वसूलना है। वरुण गुलाटी की शिकायत पर एनजीटी ने हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
इसके जवाब में प्रदूषण बोर्ड की तरफ से एक माह का समय मांगा है। अब एनजीटी ने इस मामले की सुनवाई 13 फरवरी को होगी। गुलाटी ने बताया कि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अलग-अलग समय में प्रदेश की उन उद्योगों में छापा मारा गया था, जहां से प्रदूषण फैलाया जा रहा था। यहां नियमों की पूरी तरह अवहेलना मिलने पर जुर्माना लगाया गया था। बोर्ड सिर्फ जुर्माना लगाने तक सीमित रहा। जुर्माने की वसूली नहीं की गई। जिससे प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयां निरंतर जारी रही।
अधिकारियों की इस ओर अनदेखी की वजह पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। जिसको देखते हुए उन्होंने पहले एक आरटीआई लगाई। जिसमें उन्होंने साल 2023-2024 में प्रदेश भर की इकाइयों पर की गई रेड और जुर्माना लगाने का आंकड़ा मांगा। साथ ही पूछा कि किस जिले से कितना जुर्माना वसूल लिया गया है। जैसे ही इसका जवाब उनके पास आया, तो वे देखकर हैरान हो गए। इसके बाद उन्होंने एनजीटी में याचिका लगाई। एनजीटी ने इस पर तत्काल एक्शन लेते हुए बोर्ड के अलावा हरियाणा सरकार से भी जबाब तलब किया है।