आईजी सहित हिमाचल के 8 पुलिसकर्मी दोषी करार
05:00 AM Jan 19, 2025 IST
ज्ञान ठाकुर/ एस. अग्निहोत्री
शिमला/ मनीमाजरा (चंडीगढ़), 18 जनवरीशिमला जिले में गुड़िया बलात्कार व हत्या केस के आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में चंडीगढ़ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने हिमाचल के आठ पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को दोषी करार दिया है। इनमें तत्कालीन आईजी जहूर एच. जैदी, ठियोग के डीएसपी रहे मनोज जोशी, एसआई राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, ऑनररी हेड कॉन्स्टेबल मोहन लाल, सूरत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल रफी मोहम्मद और रंजीत सटेटा शामिल हैं। कोर्ट का फैसला आते ही सीबीआई ने सभी दोषियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। इन सभी को 27 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। शिमला के पूर्व पुलिस अधीक्षक डीडब्ल्यू नेगी को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र में 4 जुलाई, 2017 को 16 वर्षीय एक छात्रा स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गयी थी। दो दिन बाद जंगल से उसका शव निर्वस्त्र हालत में मिला था। बलात्कार के बाद उसकी हत्या की गयी थी। मामले की जांच के लिए आईजी जहूर एच जैदी की अगुवाई में गठित एसआईटी ने छह लोगों को पकड़ा था। इनमें शामिल सूरज नाम के नेपाली युवक की पुलिस हिरासत में 18 जुलाई 2017 को मौत हो गयी थी। इसे लेकर प्रदेश में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए थे। सूरज के शरीर पर 20 से ज्यादा चोटों के निशान थे। एम्स के डॉक्टरों के बोर्ड की रिपोर्ट में यातना की पुष्टि हुई थी। जांच सीबीआई को सौंप दी गयी। सुप्रीम कोर्ट ने केस चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया था।
शिमला/ मनीमाजरा (चंडीगढ़), 18 जनवरीशिमला जिले में गुड़िया बलात्कार व हत्या केस के आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में चंडीगढ़ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने हिमाचल के आठ पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को दोषी करार दिया है। इनमें तत्कालीन आईजी जहूर एच. जैदी, ठियोग के डीएसपी रहे मनोज जोशी, एसआई राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, ऑनररी हेड कॉन्स्टेबल मोहन लाल, सूरत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल रफी मोहम्मद और रंजीत सटेटा शामिल हैं। कोर्ट का फैसला आते ही सीबीआई ने सभी दोषियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। इन सभी को 27 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। शिमला के पूर्व पुलिस अधीक्षक डीडब्ल्यू नेगी को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र में 4 जुलाई, 2017 को 16 वर्षीय एक छात्रा स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गयी थी। दो दिन बाद जंगल से उसका शव निर्वस्त्र हालत में मिला था। बलात्कार के बाद उसकी हत्या की गयी थी। मामले की जांच के लिए आईजी जहूर एच जैदी की अगुवाई में गठित एसआईटी ने छह लोगों को पकड़ा था। इनमें शामिल सूरज नाम के नेपाली युवक की पुलिस हिरासत में 18 जुलाई 2017 को मौत हो गयी थी। इसे लेकर प्रदेश में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए थे। सूरज के शरीर पर 20 से ज्यादा चोटों के निशान थे। एम्स के डॉक्टरों के बोर्ड की रिपोर्ट में यातना की पुष्टि हुई थी। जांच सीबीआई को सौंप दी गयी। सुप्रीम कोर्ट ने केस चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया था।
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रेप-हत्या के मुख्य आरोपी को हो चुकी है उम्रकैद
गुड़िया बलात्कार व हत्या मामले में मुख्य आरोपी अनिल कुमार उर्फ नीलू उर्फ कमलेश को 18 जून 2021 को शिमला की एक विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था। नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या की धाराओं के तहत उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।
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