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पूटा चुनाव मुद्दे दोनों ग्रुपों के कमोबेश एक जैसे, बस बदलाव की धुन

09:07 AM Sep 03, 2024 IST
पूटा चुनाव मुद्दे दोनों ग्रुपों के कमोबेश एक जैसे  बस बदलाव की धुन

चंडीगढ़, 2 सितंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) चुनाव कल होने जा रहे हैं जिसमें 592 मतदाता अपनी टीम का चुनाव करेंगे। चुनाव को लेकर अमरजीत नौरा-मृत्युंजय पैनल को इस बार टीचर्स वॉयस यूनाइटेड फ्रंट के बैनर तले चुनाव लड़ रहे प्रो. अशोक कुमार-कुलविंदर सिंह का पैनल कड़ी चुनौती पेश कर रहा है।
सात साल तक सत्ता में रहने के चलते नौरा ग्रुप के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है। प्रो. नवदीप गोयल और प्रो. जतिंदर ग्रोवर का गुट इस बार खुलकर अशोक पैनल के समर्थन में आ गया है।
इस गुट को प्रो. केशव मल्होत्रा का वर्चस्व स्वीकार नहीं है और वे किसी भी कीमत पर परदे के पीछे से पूटा को चलाने वाले प्रो. केशव मल्होत्रा को जीतते नहीं देखना चाहते। यह पहली बार है कि टीचर्स का संगठन पूटा इस बार कुलपति के समर्थन में कसीदे काढ़ रहा है जबकि प्रतिद्वंद्वी ग्रुप अशोक-कुलविंदर पैनल कुलपति को खरी-खोटी सुना रहा है। फैकल्टी की समस्याओं और मांगों को लेकर दोनों ही ग्रुपों में कोई खास अंतर नहीं है।
नौरा ग्रुप भी फैकल्टी को ब्याज समेत एरियर जल्द से जल्द रिलीज कराने का वादा कर रहा है। रिटायरमेंट एज 60 से बढ़ाकर 65 साल किये जाने को भी अपने एजेंडा में टॉप पर रख रहा है। टीचर्स फ्रंट पैनल ने भी इन्हीं मुद्दों के अलावा एकेडमिक ऑडिट रोकने का वादा किया है और साथ ही पूटा की आम सभा की बैठकों की बहाली करने का भी वादा किया है।
नौरा ग्रुप ने ओपीएस लागू कराने को अपनी टॉप प्राथमिकता में रखा है। नौरा ने कहा कि पंजाब ओपीएस की घोषणा तो कर चुका है मगर अभी तक इसके लिये एसओपी नहीं तैयार किया जिससे इसे लागू करने में देरी हो रही है। उनकी टीम करिअर एडवांस्टमेंड स्कीम (कैस) के मामलों में तेजी लाने, डेंटल फैकल्टी प्रमोशन पॉलिसी, पीएचडी इनक्रीमेंट बहाल कराने, बोर्ड आफ फाइनांस से पास्ट सर्विस काउंट की अप्रूवल कराने, सेंट्रल अलाउंस/सेंट्रल पे स्केल, डीन रिसर्च और डीयूआई के ओहदे पर सीनियर प्रोफेसर की नियुक्ति के लिये दबाव बनाना, कैंपस में ट्रैफिक रेगुलेशन और सुरक्षा पर फोकस करेगी।
डॉ. मृत्युंजय कुमार ने गेस्ट हाउस की बुकिंग आनलाइन पोर्टल लांच किये जाने को एक उपलब्धि बताया। कैंटीनों में फैकल्टी के लिये एक कॉर्नर खुलवाने का वादा किया। उन्होंने मीडिया को भेजे जतिंदर ग्रोवर के बयान की आलोचना की और कहा कि टीचर्स का कथित शुभचिंतक बताने वाले फैकल्टी को गुमराह कर रहे हैं और पूटा को तोड़ने की साजिश रच रहे हैं। अशोक पैनल ने सेंट्रल पे कमीशन के भत्ते और व्यापक प्रमोशन पॉलिसी का भी वादा किया।
ओल्ड पेंशन स्कीम, पीयू कर्मचारियों के बच्चों के लिये दाखिलों में 2 फीसदी आरक्षण सहित कुल 37 बिंदुओं पर काम करने का वादा किया है जिसमें चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस, ट्रेवल अलाउंस, कैंपस के लिये व्हीकल पॉलिसी, पीएचडी के लिये इन्क्रीमेंट, वन पर्सन वन पोस्ट को लागू कराना, हरियाणा की तर्ज पर एलटीसी के लिये वकालत करना आदि शामिल है।

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पूटा का अथॉरिटी का हिस्सा बन जाना खतरनाक : ग्रोवर

पूर्व सीनेटर प्रो. जतिंदर ग्रोवर ने कहा है कि शिक्षण समुदाय के कल्याण के लिए अथॉरिटी के साथ काम करना पूटा के लिए एक अच्छी रणनीति हो सकती है, लेकिन अथॉरिटी का हिस्सा बन जाना खतरनाक है। निवर्तमान पूटा अध्यक्ष/सचिव और उनकी टीम इसका उदाहरण है। उनकी टीम के कई सदस्य अधिकारियों के बहुत करीब हैं। पिछली पूटा कार्यकारी समिति में वे अल्पमत में थे और चूंकि उन्हें फैकल्टी के मुद्दों में कोई दिलचस्पी नहीं थी और समुदाय से कई महत्वपूर्ण विकास को छिपाने में व्यस्त थे, इसलिए वे बहुत आग्रह के बाद भी किसी भी कार्यकारी समिति की बैठक या जीबीएम की अनुमति नहीं दे रहे थे।
पूटा को मजबूत करने की जरूरत है।

ये हैं दोनों धड़ों के पैनल

अणरजीत नौरा-मृत्युंजय की टीम से प्रधान के लिये अमरजीत नौरा, सचिव मृत्युंजय कुमार, उप-प्रधान सिमरन कौर, संयुक्त सचिव सुरिंदर पाल सिंह और कोषाध्यक्ष दीपक कुमार के नाम शामिल हैं। वहीं, टीचर्स फ्रंट ग्रुप की ओर से प्रधानी के लिये अशोक कुमार के अलावा सचिव पद पर कुलविंदर सिंह, उप-प्रधान पर सुरूचि आदित्य, संयुक्त सचिव विनोद कुमार और कोषाध्यक्ष के लिये पंकज श्रीवास्तव के नाम शामिल हैं।

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