पाठकों के पत्र
वन सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी
इक्कीस मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 28 नवंबर, 2012 को वनों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए घोषित किया था। वनों और वृक्षों का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है, क्योंकि ये हमें बिना मूल्य के ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। अफसोस की बात है कि अब इनकी सुरक्षा के प्रति लापरवाही बढ़ रही है। यदि यही स्थिति रही तो भारत में रेगिस्तान बढ़ेंगे और मौसम में बदलाव होगा। पेड़ लगाने के साथ उनकी देखभाल भी जरूरी है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
वन संरक्षण जरूरी
दैनिक ट्रिब्यून के 21 मार्च के सम्पादकीय में योगेश कुमार गोयल ने ‘अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस’ पर वनों के महत्व को उजागर किया। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, वनों की घटती संख्या पृथ्वी के जनसमूह और जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। वनों की अंधाधुंध कटाई से ग्लोबल वार्मिंग, प्राकृतिक आपदाएं और ग्लेशियरों का संकट बढ़ रहा है। भविष्य में स्वास्थ्य और जैव विविधता को बचाने के लिए वनों के संरक्षण और संवर्धन पर ध्यान देना आवश्यक है।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़, रेवाड़ी
अंतरिक्ष में कचरा
अंतरिक्ष में बढ़ते कचरे की समस्या गंभीर चुनौती बन गई है। रॉकेट और उपकरणों के टुकड़े अंतरिक्ष यात्रा के लिए खतरनाक हैं और पृथ्वी के वातावरण को भी प्रभावित करते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए विकसित देशों को पहल करनी होगी, विशेष उपकरणों का विकास करना होगा और अंतरिक्ष में कचरा फैलाने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाना होगा। अंतर्राष्ट्रीय कानून बनाने की आवश्यकता है, जिसमें कचरा फैलाने वाले देशों को साफ करने की जिम्मेदारी दी जाए।
सुभाष बुड़ावनवाला, रतलाम, म.प्र.