पाठकों के पत्र
उल्लास और जिम्मेदारियां
‘संकल्पों का नया साल’ संपादकीय में नए साल की परंपरा और उसके उल्लास पर चर्चा की गई है। सर्दियों में नया वर्ष मनाने की वजह यह है कि लोग जोश में आकर अपनी चिंताओं को भूल जाते हैं, लेकिन कुछ लोग इसे वसंत ऋतु में मनाने की सलाह देते हैं, जब प्रकृति नवीनीकरण से भरी होती है। पर्वों का उद्देश्य सेफ्टी वॉल का काम भी है, जिससे हम अपनी खुशियों में संतुलन बनाए रखते हैं। हालांकि, पर्वों के दौरान शराब और हुड़दंग से बचने की आवश्यकता है। नया साल आत्ममंथन का समय होना चाहिए, ताकि हम अपनी पुरानी गलतियों से सीखकर जीवन को बेहतर बना सकें।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
युवाओं के लिए मददगार
भारत सरकार ने 2024-25 के केंद्रीय बजट में पीएम इंटर्नशिप योजना लागू की, जिसके तहत युवाओं को रु. 5000 मासिक वित्तीय सहायता और रु. 6000 का एकमुश्त अनुदान मिलेगा। इस योजना में 5 वर्षों में 500 कंपनियों में करीब एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप अवसर मिलेगा। इससे युवाओं को आर्थिक सहायता और अनुभव मिलेगा, जो भविष्य में नौकरी के अवसर बढ़ाएगा। यह योजना बेरोजगारी और निराशा को कम करने में मदद करेगी, बशर्ते इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
युवाओं के लिए चेतावनी
हिमाचल प्रदेश में वायु प्रदूषण और पानी की समस्या न होते हुए भी दिल की बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं, खासकर युवाओं में। आईएचएमई की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 14 प्रतिशत मौतों का कारण यह बीमारी है, और राज्य दिल की बीमारियों में देश में पांचवें स्थान पर है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है। युवाओं को नशे से बचकर स्वस्थ रहना चाहिए, ताकि वे समाज और परिवार के हित में काम कर सकें।
राजेश चौहान, जालंधर