पाठकों के पत्र
विकास का नया सवेरा
केंद्रीय गृह मंत्रालय जिस तत्परता से जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के विकास के लिए नित नए कदमों की घोषणा कर रहा है, सराहनीय है। आतंकवाद के गहरे घाव से उबरा जम्मू-कश्मीर और प्रकृति और मौसम की चुनौतियों को झेलने वाला लद्दाख देश के उन्नत राज्यों की कतार में शामिल होने की डगर पर तेजी से अग्रसर है। गत दिनों लद्दाख में चांगथांग, जंस्कार, शाम, नुब्रा और द्रास नाम से पांच नये जिले बनाने की घोषणा की गयी है। लद्दाख में नये जिलों का सृजन राज्य में विकास का नया सवेरा लेकर आएगा।
तिलकराज गुप्ता, रादौर
एक साथ चुनाव
एक साथ चुनाव कराने का विचार राष्ट्र के हित में है, लेकिन इसके कई विरोध भी हैं। संविधान में संशोधन की आवश्यकता, राजनीतिक दलों के बीच मतभेद और चुनाव आयोग को अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत प्रमुख चुनौती हैं। हालांकि, यह उपाय राजकोष की बचत, समय की बचत और राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है। चुनाव आयोग को आधुनिक तकनीक और पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने होंगे।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
घायलों को राहत
सड़क दुर्घटनाओं में जख्मी लोगों को अब डेढ़ लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। सूत्रों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में 15 लाख मौतें हुई हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक हैं। हरियाणा सरकार ने इस सुविधा पर अमल शुरू कर दिया है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों की मरम्मत, जागरूकता और बसों में ओवरलोडिंग रोकने के प्रयास किए जाएंगे। यह कदम स्वागतयोग्य है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
सौहार्द और सद्भावना
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का हालिया वक्तव्य देश में सौहार्द और सद्भावना की आवश्यकता पर जोर देता है, ताकि भारत शांतिपूर्ण और समृद्ध राष्ट्र बने। उनका कहना है कि मस्जिदों में शिवलिंग ढूंढ़ने की कोशिश और धर्म के मर्म को न समझना तनाव को बढ़ाते हैं। उनके विचार आज के भारत के लिए प्रासंगिक हैं।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली