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04:00 AM Mar 19, 2025 IST
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नफरती मंसूबे
हाल ही में अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्वामीनाथन मंदिर पर हमले के साथ अपवित्रता की घटना भी हुई। इसके अलावा, विदेश मंत्री जयशंकर के काफिले पर ब्रिटेन में हमले और नारेबाजी के साथ उच्चायुक्त भवन से तिरंगा निकालने की घटना से मर्यादाएं टूट रही हैं। संपादकीय 'नफरती मंसूबे' में उल्लेख है कि इन अलगाववादियों को वहां की सरकारें संरक्षण देकर कार्यवाही नहीं कर रही हैं, जिससे इनके हौसले बुलंद हो रहे हैं। इन घटनाओं की अनदेखी कदापि नहीं की जानी चाहिए और पश्चिमी देशों को अपनी मर्यादा में ही रहना चाहिए।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन

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चौकसी पर सवाल
सोलह मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर 'अमृतसर के ठाकुरद्वारा मंदिर में ग्रेनेड हमला' में पंजाब में शांति भंग करने की साजिश का खुलासा किया गया है। रात के समय दो मोटरसाइकिल सवारों द्वारा ग्रेनेड फेंकने से प्रशासन की चौकसी पर सवाल उठते हैं। पिछले चार महीनों में पंजाब में यह 13वां ग्रेनेड हमला है। पाकिस्तान, नशीले पदार्थों की तस्करी और धार्मिक स्थानों पर हमले के जरिए पंजाब की शांति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। मुख्यमंत्री को इन ताकतों काे मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल

विभाजन को बढ़ावा
कर्नाटक सरकार का मुस्लिम ठेकेदारों को 4 प्रतिशत आरक्षण देना तुष्टीकरण की राजनीति का उदाहरण है, जो योग्यता और पारदर्शिता को कमजोर करता है। सरकारी ठेकों में धर्म के आधार पर आरक्षण से न केवल भेदभाव बढ़ेगा, बल्कि अन्य समुदायों में असंतोष भी पनपेगा। विकास के अवसर जाति या धर्म नहीं, बल्कि आर्थिक स्थिति के आधार पर मिलने चाहिए। यह फैसला नीतिगत सुधार के बजाय एक विशेष समुदाय को लाभ पहुंचाने का प्रयास लगता है, जो समाज में नए विभाजन को जन्म दे सकता है।
आरके जैन, बड़वानी, म.प्र.

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