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पत्र

04:00 AM Dec 10, 2024 IST

अमेरिकी साजिश
पाकिस्तान ने बांग्लादेश में लोकतांत्रिक सरकार को अस्थिर कर कट्टरपंथियों को समर्थन दिया है, जिससे भारत के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर अत्याचार बढ़े हैं, और पाकिस्तान, शायद अमेरिका के इशारे पर, भारत के खिलाफ अस्थिरता फैलाने के लिए सेना और हथियार भेज सकता है। अमेरिका, जैसे सीरिया में, विभिन्न देशों में विद्रोहों के जरिए अस्थिरता पैदा करने में माहिर है। विपक्ष भारत में अल्पसंख्यक वर्ग को भड़काने की कोशिश कर रहा है, ताकि मोदी सरकार को अस्थिर किया जा सके और देश में हिंसा फैल सके। कांग्रेस ने भी भारत में बांग्लादेश जैसे हालात उत्पन्न होने की आशंका जताई है।
चंद्र प्रकाश शर्मा, दिल्ली

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संदेह का निवारण
यह कहने में कोई दो राय नहीं है कि चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। लोकतंत्र की प्राणवायु चुनाव है। अगर कोई गड़बड़ी नहीं है और सब कुछ ठीक-ठाक है, तो चुनाव आयोग को ईवीएम का विरोध करने वालों को शांत करने के लिए, एक बार सभी आने वाले चुनावों को बैलेट पेपर से कराना चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। भले ही विपक्ष और विरोध करने वालों के तमाम दावों और तर्कों को आयोग ठुकरा दे, लेकिन इस अंधेरे को चुनाव आयोग ही मिटा सकता है।
हेमा हरि उपाध्याय, उज्जैन, म.प्र.

राजनीतिक विसंगति
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राजनीति को ‘अतृप्त आत्माओं का महासागर’ बताया है, जहां हर व्यक्ति ऊंचे पद की उम्मीद में उदास रहता है। हाल के महाराष्ट्र चुनावों के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया में हुई देरी इस विचार को सही साबित करती है। जबकि झारखंड में चुनाव परिणामों के बाद सरकार तुरंत बनी, महाराष्ट्र में दलीय मतैक्य की कमी और नेतृत्व के झगड़े साफ नजर आए। गडकरी का विचार राजनीतिक प्रक्रिया पर सटीक है।
शकुंतला महेश, इंदौर, म.प्र.

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