पत्र
परंपरा की विसंगति
चुनाव जीतने के दो महीने बाद राष्ट्रपति पद की शपथ लेने का विचित्र नियम होने के कारण वाइडेन, ट्रंप के लिए लगातार मुश्किलें खड़ी करते जा रहे हैं। इनमें रूस-यूक्रेन युद्ध और इस्राइल-हमास युद्ध को शीघ्र समाप्त करने के ट्रंप के चुनावी वादों की धज्जियां उड़ते हुए दिख रही हैं। इस समय बड़े पैमाने पर हथियार और युद्ध भड़काने वाली सामग्री यूक्रेन को दी जा रही है। यह पूरे विश्व के लिए एक बड़ी परेशानी का कारण बन गया है। इससे सबक लेते हुए, भविष्य के लिए यह नियम बनाना चाहिए कि चुनाव परिणाम के एक सप्ताह के भीतर अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा शपथ ली जाए ताकि वर्तमान राष्ट्रपति को बेजा लाभ उठाने का अवसर न मिले।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
जनसंख्या नियंत्रण
तीन दिसंबर के संपादकीय में जनसंख्या वृद्धि पर चर्चा की गई है, जिसमें यह बताया गया कि बहुसंख्यक समुदाय ने परिवार नियोजन अपनाया, जिससे उनकी प्रजनन दर घटकर 2.1 से नीचे चली गई, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी 43 प्रतिशत बढ़ी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बहुसंख्यक समुदाय को 2-3 बच्चे पैदा करने का सुझाव दिया, जिससे समाज में संसाधनों पर दबाव बढ़ सकता है। सही मायनों में वृद्धि दर पर नियंत्रण के लिए कानून की आवश्यकता है।
शामलाल कौशल, रोहतक
ग्लेशियर संकट
‘ग्लेशियर संकट’ संपादकीय में केदारनाथ की बाढ़ और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव पर चिंता व्यक्त की गई है। कृत्रिम झीलों का खतरा और उनका पानी नदियों में बहकर लाखों लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकता है। सरकार को केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के आधार पर त्वरित कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन, पूर्व चेतावनी प्रणाली और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
भगवानदास छारिया, इंदौर, म.प्र.