निगम मुख्यालय के बाहर खोरी वासियों ने किया प्रदर्शन
फरीदाबाद, 9 दिसंबर (हप्र)
फरीदाबाद के खोरी इलाके में तोड़े गए हजारों मकानों के विरोध में आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए पीड़ित परिवारों ने फरीदाबाद नगर निगम कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन करते हुए निगम कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर उन्हें जल्द ही खोरी या आसपास के इलाके में बसाए जाने की मांग की।
इस अवसर पर खोरी जागृति मंच के प्रधान पप्पू खान ने बताया कि 2021 में खोरी में भारी तोड़फोड़ नगर निगम द्वारा की गई थी, जिसमें लगभग 8 से 10 हजार परिवारों को उजाड़ा गया था, लेकिन निगम ने नई खोरी तोड़ने के आदेश के साथ-साथ उनकी पुरानी खोरी को भी तोड़ दिया। पप्पू खान के मुताबिक 2002 में खोरी को जंगल बताकर नगर निगम ने तोड़ने के आदेश दिए। इसकी एवज में लोगों को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से स्टे मिल गया। इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया। वहीं नए खोरी के लोग भी रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन संस्था बनाकर सुप्रीम कोर्ट चले गए। मामला तब से चल रहा था, सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद नगर निगम को आदेश दिए कि पुरानी खोरी को न तोड़ा जाए और यदि तोड़ा जाए, तो उन्हें 6.7 किलोमीटर के आसपास ही बसाया जाए, तब से तोडफ़ोड़ नहीं हुई। 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने नई खोरी को तोड़ने के आदेश दे दिए, लेकिन फरीदाबाद नगर निगम ने नई खोरी के साथ-साथ पुरानी खोरी को तोड़ दिया। जिसके चलते हजारों परिवार बेघर हो गए।
पप्पू ने बताया कि जो पुरानी खोरी बसी हुई थी, वह 40 एकड़ जमीन जंगल की नहीं थी, लेकिन फिर भी निगम ने उन्हें वहां से उजाड़ दिया। अब सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद निगम से जवाब मांगा है कि आखिर पुरानी खोरी को आदेश की अवहेलना करते हुए क्यों तोड़ा गया और अगर तोड़ा गया तो अब तक उन्हें बसाया क्यों नहीं गया।