दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यूचंडीगढ़, 19 जनवरीहरियाणा में भाजपा नेताओं को बोर्ड-निगमों की चेयरमैनी के लिए अभी इंतजार करना होगा। बड़ी संख्या में वरिष्ठ नेताओं को चेयरमैनी का इंतजार है। इनमें पूर्व मंत्रियों के अलावा कई पूर्व सांसद तथा मौजूदा विधायक भी शामिल हैं। पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश में होने वाले शहरी स्थानीय निकाय चुनावों तक चेयरमैनी को होल्ड पर कर दिया है। निकाय चुनाव में नेताओं की ग्राउंड पर परफोरमेंस के हिसाब से चेयरमैन नियुक्त होंगे।इतना ही नहीं, भाजपा द्वारा बोर्ड-निगमों की चेयरमैनी में जातिगत व क्षेत्रीय समीकरण साधने के फार्मूले पर भी मंथन किया जा रहा है। सिरसा, फतेहाबाद, नूंह, रोहतक व झज्जर ऐसे जिले हैं, जहां भाजपा इस बार खाता भी नहीं खोल पाई। ऐसे में इन जिलों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को चेयरमैनी देकर उन्हें एडजस्ट किया जा सकता है। कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जिन्हें जातिगत संतुलन को और मजबूत करने के लिए चेयरमैनी मिल सकती है।अगर सरकार चाहे तो राज्य में बोर्ड-निगमों में चेयरमैन व वाइस-चेयरमैन को मिलाकर तीन दर्जन से अधिक नेताओं को एडजस्ट कर सकती है। इसी तरह से फील्ड में मार्केट कमेटी चेयरमैन के पद के लिए भी मारामारी चल रही है। हरियाणा एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड, सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो, हाउसिंग बोर्ड, टूरिज्म, कांफैड, हैफैड, शुगरफैड, वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन सहित ऐसे बोर्ड-निगम हैं, जिनकी चेयरमैनी को लेकर नेताओं द्वारा लॉबिंग की जा रही है।प्रदेश में नये बोर्ड भी बनेंगेभाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव में अपने ‘संकल्प-पत्र’ में समाज की विभिन्न जातियों के लिए बोर्ड बनाने का ऐलान किया था। सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) द्वारा नये बोर्डों के गठन का प्रपोजल तैयार किया जा रहा है। इन बोर्ड की संख्या दो दर्जन के लगभग हो सकती है। ये बोर्ड प्रदेश में पहले से चल रहे बोर्ड, निगम व आयोग से अलग होंगे। इन सभी बोर्ड में भी राजनीतिक नियुक्तियां हो सकेंगी। ऐसे में यह माना जा सकता है कि भाजपा सरकार अगर चाहेगी तो 60 से अधिक नेताओं को राजनीतिक पदों पर एडजस्ट कर सकेगी।पार्टी में वापसी की उम्मीद बढ़ीहरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर दूसरे दलों में जाने वाले नेताओं की घर वापसी की उम्मीद बढ़ गई है। चुनावी नतीजों के बाद इस पर लगभग रोक लगा दी गई थी, लेकिन पार्टी नेतृत्व अब इसमें ढिलाई देने के मूड में है। दूसरे दलों में गए नेताओं की पार्टी में वापसी तो हो सकेगी, लेकिन उन्हें संगठन या सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं मिलेगी। भविष्य में बेशक उनकी परफोरमेंस के हिसाब से भाजपा कोई फैसला करे, लेकिन फिलहाल उन्हें कुछ नहीं मिलेगा।फैसला अभी नहीं : पूनियाहरियाणा मामलों के प्रभारी डॉ़ सतीश पूनिया ने कहा कि हरियाणा में बोर्ड-निगमों की चेयरमैनी का फैसला अभी नहीं होगा। पार्टी फिलहाल संगठन चुनाव में व्यस्त है। साथ ही, शहरी स्थानीय निकाय के चुनाव भी होने हैं। निकाय चुनाव के बाद ही इस बारे में निर्णय होगा। भाजपा छोड़कर दूसरे दलों में गए नेताओं व कार्यकर्ताओं की वापसी तो हो सकती है, लेकिन उन्हें सरकार या संगठन में कोई पद नहीं मिलेगा।