धर्मशाला को मिली ‘हरित ऊर्जा’ की नयी पहचान
रविंद्र वासन/निस
धर्मशाला, 17 जनवरी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिले के धर्मशाला में स्थापित 750 किलोवाट की पहली सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया। 4.74 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह परियोजना 8,500 वर्ग मीटर भूमि पर स्थापित की गई है और प्रतिदिन 2,000 यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता रखती है। इससे हर महीने करीब 2.80 लाख रुपये की आय होगी। अक्तूबर 2023 में शुरू हुई इस परियोजना का निर्माण कार्य नवम्बर 2024 में पूरा हुआ। इसमें 1,364 सौर पैनल लगाए गए हैं, जो उन्नत बिजली और अग्नि सुरक्षा तकनीकों से लैस हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड ने इस परियोजना से उत्पादित बिजली खरीदने के लिए समझौता किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए व्यापक रणनीति पर काम कर रही है। जल्द ही 72 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाली सात नई सौर परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। साथ ही, 325 मेगावाट की क्षमता वाली परियोजनाओं के लिए सर्वेक्षण जारी है। उन्होंने 200 पंचायतों को ‘ग्रीन पंचायत’ के रूप में विकसित करने की योजना की भी घोषणा की, जिसमें 200 किलोवाट के ग्राउंड-माउंटेड सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
ऊना में 10.16 करोड़ रुपये कमाए
सीएम सुक्खू ने बताया कि ऊना जिले की 32 मेगावाट पेखूबेला सौर ऊर्जा परियोजना ने अप्रैल से अक्तूबर 2024 तक 34.19 मिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न कर 10.16 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। इसके अलावा, भंजाल में 5 मेगावाट की परियोजना और अघलौर में 10 मेगावाट की परियोजना भी जल्द पूरी होने वाली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने का लक्ष्य है। यह पहल न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी, बल्कि जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों से भी निपटने में सहायक होगी।